इस बार नवतपा को लेकर दुविधा की स्थिति बन रही है। नवतपा 23 मई से शुरू होकर 31 मई तक रहेगा। वहीं कुछ ज्योतिषियों के अनुसार नवतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक रहेगा।
क्या है नवतपा :- नवतपा को ज्येष्ठ महीने के ग्रीष्म ऋतु में तपन की अधिकता का द्योतक माना जाता है। शुक्ल पक्ष में आर्द्रा नक्षत्र से लेकर 9 नक्षत्रों में 9 दिनों तक नवतपा रहता है। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, बुधवार के दिन ही आर्द्रा नक्षत्र शुरू हो रहा है। जरूरी नहीं कि नवतपा में अधिक गर्मी पड़े। आर्द्रा के 10 नक्षत्रों तक जिस नक्षत्र में सबसे अधिक गर्मी पड़ती है, आगे चलकर उस नक्षत्र में 15 दिनों तक सूर्य रहते हैं और अच्छी वर्षा होती है।
कब होगा आरंभ : 22, 23 या 25 :- कुछ विशेषज्ञों के अनुसार जब से रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा तब से नवतपा भी शुरू हो जाएगा। नवतपा 22 से 30 मई तक रहेगा। नवतपा में तेज हवा के साथ बवंडर और वर्षा का अंदेशा है। 20 जुलाई के बाद राहु और शनि के प्रकोप से तेज हवाएं व कमजोर वर्षा के संयोग बन रहे हैं। अन्य ज्योतिषी कह रहे हैं रोहिणी नक्षत्र के दृष्टि से 1 जून की मध्यरात्रि नवतपा का प्रवेश होगा।
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नवतपा समय की ग्रह स्थिति तेज हवा, बवंडर और वर्षा का संकेत दे रहा है। इस वर्ष वर्षा ऋतु के समय गुरु- मेष में, शनि- कन्या में व राहु- का भ्रमण वृश्चिक राशि में रहेगा।
कुछ मानते हैं प्राकृतिक आपदा के योग :- ग्रहों और नक्षत्रों के प्रभाव से 25 मई से नवतपा प्रारंभ हो रहा है। नवतपा के दिनों में शादी-विवाह जैसे मांगलिक यात्रा में विशेष सावधानी रखना चाहिए। ग्रहों की स्थिति को देखते हुए देश के पूर्व, पश्चिम व दक्षिण में प्राकृतिक आपदा का योग बन रहे हैं। जबकि ज्यादातर नवतपा के 23 मई से शुरू होकर 31 मई तक रहने को सही मान रहे हैं।
इन दिनों तेज धूप और गर्म हवाओं ने लोगों की बेचैनी बढ़ा दी है। लोग सुबह से रात तक उमस भरी गर्मी से बेहाल रहते हैं। कूलर और पंखे की हवा भी बेअसर साबित हो रही रही है। मई के महीने में लोगों को गर्मी के साथ उमस का भी एहसास हो रहा है।