नवतपा में छाई रहेगी गर्मी
मंगलवार से रोहिणी (नवतपा) शुरू हो गया है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह रोहिणी खूब तपेगी। मौसम विशेषज्ञ भी पारे के आसमान छूने से इंकार नहीं करते हैं। आयुर्वेदाचार्यों ने रोहिणी की उष्णता को दूर करने के लिए मेहँदी लगाने की सलाह दी है। ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास ने बताया कि रोहिणी के दौरान मंगल का प्रवेश सिंह राशि में हो रहा है। चूँकि सिंह अग्नि तत्व की राशि है तथा इसका स्वामी सूर्य है इसलिए ये सब रोहिणी को खूब तपाएँगे। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. विनोद बैरागी के अनुसार रोहिणी में मेहँदी का उपयोग किया जाना चाहिए। इसकी तासीर ठंडी है इसलिए इसे हाथों या तलवों में लगाने से शरीर की उष्णता समाप्त होती है।मंगलवार शाम शुरू हुए रोहिणी नक्षत्र के स्वामी ब्रह्मा हैं तथा जिस दिन सूर्य का रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश हो रहा है इसी दिन ध्वांक्ष नामक योग, मंगलवार व प्रदोष काल होने के कारण इस वर्ष की रोहिणी का विशेष महत्व बन गया है। रोहिणी के दिनों में पानी तथा हवा की स्थिति भी निर्मित हो सकती है।
लैला के प्रभाव से मौसम में आई ठंडकता एक बार फिर से गायब होने लगी है और उसका स्थान लू ने ले लिया है। एक तरफ मौसम में नमी होने और तेज धूप निकलने के कारण लोग उमस से बेचैन हैं। ज्योतिषियों के अनुसार नवतपे के दौरान पूरे नौ दिनों तक और भीषण गर्मी पड़ने के संकेत हैं, क्योंकि इस दौरान पृथ्वी अपने वार्षिक परिभ्रमण में सूर्य के एकदम सामने होती है, जिसके कारण सूर्य की रोशनी सीधे पृथ्वी पर पड़ती है। लिहाजा नवतपा में अन्य दिनों से ज्यादा गर्मी पड़ना स्वभाविक है। नवतपा शुरू होने के एक दिन पहले सोमवार को आसमान सूर्य आग उगल रहा था। लोग अब बारिश के लिए आसमान की ओर निहारने लगे हैं, ताकि कुछ राहत पहुँचे। इस भीषण गर्मी से लोगों को न तो दिन में चैन मिल रहा है और न ही रात में, क्योंकि देर रात तक गर्म हवाएँ चल रही हैं। इस दौरान सामुद्रिक जल स्तर में वृद्धि होने के संकेत हैं। भूमिगत जल स्तर में कमी आ सकती है। उपजाऊ मिट्टी का क्षरण और जनमानस की मानसिकता प्रभावित होने की भी संभावना है।