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मकर संक्रांति देश के लिए कैसी रहेगी?

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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कन्या लग्न मीन राशि में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश लग्नेश बुध के साथ है। सूर्य यहाँ पर व्ययेश है।

शनि सूर्य की राशि में सूर्य शनि की राशि में राशि परिवर्तन राजयोग बनाता है। लेकिन सूर्य पुत्र के घर में शनि पिता के घर में होने से एक-दूसरे में तनाव का कारण बनता है।

बाहरी व्यक्तियों से या विदेश से भार‍त को नुकसान होने का डर बना रहेगा। मनोरंजन के क्षेत्र में कुछ समय ठीक नहीं रहेगा। जनता के मामलों में देखा जाए तो गुरु स्वराशि का होकर चतुर्थ भाव में होने से जनता सुखी रहेगी, मकान-भूमि के भाव बढ़ेंगे।
  कन्या लग्न मीन राशि में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश लग्नेश बुध के साथ है। सूर्य यहाँ पर व्ययेश है। शनि सूर्य की राशि में सूर्य शनि की राशि में राशि परिवर्तन राजयोग बनाता है।      


मंगल की उच्च पंचम भाव पर दृष्टि अपने बुद्धि बल से आने वाली हर परिस्थितियों से निपटने में भारत सक्षम होगा। शुक्र वृश्चिक राशि में होने से व्यभिचार बढ़ेगा। स्त्रियों पर अत्याचार भी हो सकते हैं।

षष्ठ शत्रु भाव में राहु व शनि की दृष्टि होने से शत्रु से न‍ुकसान तो नहीं होगा लेकिन खतरा भी कम नहीं होगा। गुप्त रोग या अचानक कोई रोग उभर सकता है। स्वास्थ्य के प्रति स्वास्थ्यकर्मियों को सजग रहना होगा। संक्रांति का फल छ: माह तक रहता है।

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