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युवाओं में बढ़ रहा है आस्था का सैलाब

सावन में मंदिर हुए युवा भक्तों से गुलजार

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प्राचीन मान्यता है सावन का पूरा माह या ना हो सके तो मात्र सोमवार को शिव की पूजा करने से भी मनोकामना पूरी होती है। सोमवार व्रत शिवभक्त, साधु संत, कुंवारी कन्याएं और गृहस्थों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस दिन शिव की पूजा प्रतिमा बनाकर अभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।

एक पुरानी परंपरा है कि शिव मंदिरों में भगवान शिव के प्रिय नंदी के कानों में अपनी मनोकामनाएं कहने से वह जल्दी पूरी होती हैं। बस इसी बात का पालन करते हुए युवा श्रावण मास में नंदी के कानों में अपनी अभिलाषाएं कह रहे हैं। । युवा मानते हैं कि ऐसा करने से भगवान शिव जल्दी उनकी मुरादें पूरी कर देंगे। किसी ने मांगा कि उसे अच्छी जॉब मिल जाए तो किसी की इच्छा थी कि उसका रिजल्ट अच्छा आए।

ऐसा नहीं है कि परेशानियां या टेंशन बस घर के बड़े सदस्यों को ही होते हैं। युवाओं को भी बहुत सारी बातों की चिंता रहती है।

शक्ति मिलती है
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आदर्श गुप्ता बताते हैं कि हम लोगों को व्रत और पूजा-पाठ की ज्यादा जरूरत है। ये सिर्फ इसीलिए नहीं कि हमारी मनोकामनाएं पूरी हों जबकि मेरा मानना है कि इन सबसे हमें अद्भुत शक्ति की प्राप्ति होती है। क्योंकि व्रत को हमारे यहां तपस्या का रूप माना गया है और तप से तो शक्ति मिलती ही है। यही तो एक जरिया है जो हमें सही राह दिखाता है और भटकने से रोकता है।

पहले से होने लगती है प्लानिंग
जया विश्वकर्मा ने बताया कि श्रावण लगते ही पूजा की प्लानिंग होने लगती है। ऐसा माना जाता है कि इस माह भगवान का अभिषेक करना लाभकारी होता है तो हर सुबह अभिषेक होता है। वैसे हम लोग सोमवार को सुबह जल्दी उठने का प्रयास करते हैं। क्योंकि सोमवार का विशेष महत्व होता है। यूं भी प्रातःकाल पूजा करना अच्छा माना जाता है। दूसरी बात यह कि कैसे उपवास रखना है? किस मंदिर जाना है? यह सब पहले से ही तय करना होता है। मैं कक्षा दसवीं में पढ़ती हूं और हर श्रावण में दर्शन करने जाती हूं। मुझे बहुत अच्छा लगता है।

सोमवार का व्रत शक्ति देता है
-दीपिका यादव के अनुसार, इस समय में एमए कर रही हूं और सच मानिए एक मिनट को भी महसूस नहीं होता कि व्रत है। जबकि दिनभर शक्ति बनी रहती है और प्रसन्नता रहती है।

व्रत करना अच्छा लगता है
मयंक यादव-मैं अपनी मां और बहनों के साथ मंदिर आया हूं। अभी मैं आठवीं में पढ़ता हूं। मुझे मंदिर आना अच्छा लगता है। मैंने व्रत भी रखा है। क्योंकि व्रत करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।

शिव में आस्था
पूनम चौबे-मैं इंजीनियरिंग कर रही हूं। मुझे भगवान शिव में बड़ी आस्था है इसीलिए मैं कई सालों से श्रावण का व्रत रख रही हूं। मन को बड़ा सुकून मिलता है मंदिर आकर और शिव शंकर के दर्शन करके।

युवाओं में बढ़ती श्रद्धा
-सोनम चौबे कहती है आजकल युवाओं में आस्था और बढ़ गई है। आखिर हमें घर से जो संस्कार दिए जाते हैं वो इतनी जल्दी छूट नहीं सकते। अभी मंदिर में ही देखिए कितनी बड़ी संख्या में युवा दर्शन करने आए हैं। यह इस बात का प्रमाण है।

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