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लव और सेक्स : एस्ट्रो की नजर से

राशियाँ और सेक्स लाइफ

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हमें फॉलो करें लव और सेक्स : एस्ट्रो की नजर से
- भारती पंडित

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करियर और विवाह जीवन के दो महत्वपूर्ण स्टेप्स है जिनमें जरा-सी गलती भी जीवन को मुश्किल में डाल देती है। विवाह के बाद जीवनसाथी से अच्छा तालमेल बने रहना और सेक्स लाइफ का भी हैप्पी होना सुखी जीवन के लिए जरूरी होता है। इसलिए कुण्डली मिलान किया जाता है ताकि भविष्य की संभावनाओं को जाँचा जा सके।

इस श्रेणी में ग्रहों के स्वामित्व की अलग-अलग राशियों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। मंगल के स्वामित्व में मेष और वृश्चिक राशियाँ है। शुक्र के स्वामित्व में वृषभ और तुला राशियाँ आती हैं। बुध की मिथुन और कन्या राशियाँ हैं, गुरु की धनु और मीन हैं तथा शनि मकर और कुंभ राशियों पर अधिकार रखते हैं। सूर्य और चन्द्र क्रमशः सिंह और कर्क राशि के स्वामी है। इस श्रृंखला में हम पहले मंगल के अवामित्व वाली दोनों राशियों की बात करेंगे। इसके बाद क्रम से सभी राशियों की चर्चा की जाएगी।

लव और सेक्स लाइफ पूरी तरह से राशियों की मूलभूत संभावनाओं पर निर्भर करती है। इस श्रेणी में पेश है मंगल के स्वामित्व वाली राशियों के सितारे।

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मंगल साहस और ऊर्जा का ग्रह माना जाता है। मंगल की पहली राशि मेष है। यह भरपूर अहंकार, साहस और जोश से भरी राशि होती है। इस राशि के पुरुष ज्यादातर अपने जीवनसाथी को अपने काबू में करने की इच्छा रखते है। प्रबल इच्छाशक्ति होने से ये संकट में भी धीरज रखते है और इनकी पत्नी इसी साहस की कायल होती है। इस राशि के पुरुष रिस्क लेने से घबराते नहीं है। इनकी सेक्स की इच्छा भी बहुत प्रबल होती है और अपने साथी की ओर से भी उतना ही जोश और समर्पण पाने की इच्छा रखते हैं। ऐसा न हो तो इनके अहंकार को चोट लगती है और ये हाइपर हो जाते हैं।

मेष राशि की स्त्रियाँ भी मंगल के स्वाभाविक गुणों के कारण साहसी और अहंकारी होती है। वाणी कटु होने से लव लाइफ में कटुता आना नॉर्मल होता है। मगर सेक्स में पहल करने में तत्पर होती है ओर अपने साथी को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहती है। बशर्ते सब कुछ इनके मन के अनुसार होता जाए अन्यथा बात बिगड़ने में देर नहीं लगती है। इन स्त्रियों को अपनी तारीफ बहुत प्रिय होती है और अपने पार्टनर से इनकी यही अपेक्षा भी रहती है।

मंगल की दूसरी राशि वृश्चिक होती है। जल राशि होने से इस राशि में स्त्रियोचित गुण होते है। इस राशि के पुरुष पत्नी के भक्त होते हैं। इन्हें पत्नी सदा अपने आसपास होना अच्छा लगता है। विवाह के प्रारम्भिक दिनों में सेक्स के प्रति उत्साह ओर इंटेंसिटी दोनों ही बढ़ी-चढ़ी रहती है। मगर धीरे-धीरे समय के साथ चीजे बहुत ही नॉर्मल होती जाती है। या कहा जाए कि एक दूरी-सी बनने लगती है। इसका एक कारण जीवन का संघर्ष भी होता है।

इस राशि के पुरुष आजीविका के लिए सतत संघर्ष करते देखे जाते हैं ओर यह संघर्ष स्वभावतः सेक्स लाइफ को इफेक्ट करता है। इस राशि की स्त्रियाँ अक्सर परिवार में ही व्यस्त देखी जाती है ओर खासकर मायके के प्रति अति रुझान के चलते लव ओर सेक्स में विशेष दखल नहीं रखती। रूटीन वर्क की तरह ही इसे देखती है ओर बढ़ती आयु के साथ एक तरह की उदासीनता इनमें घर करती जाती है। हाँ, कपड़ों, गहनों और उपहारों का शौक होने से इन्हें उपहार दे देकर खुश रखा जा सकता है और प्रोत्साहित किया जा सकता है।

विशेष : मंगल की स्थिति यदि कुण्डली में अति प्रबल हो तो मेष और वृश्चिक राशि के जातकों में एक तरह का उन्माद देखा जाता है जो लव और सेक्स दोनों में ही समान रूप से लागू होता नजर आता है। विशेषकर छठे भाव का मंगल यह फल देता है।

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