धरा के आंगन में शीत ऋतु के साथ अठखेलियां करते हुए जनमानस कभी बर्फभरी वादियों में उसके साथ क्रीड़ा करता है तो कभी गर्म कपड़ों में जा छुपता है। किन्तु ऋतुराज वसंत के आते ही हौले-हौले वसंत बयार बहने लगती हैं। जो जनजीवन को विभिन्न प्रकार के रंग-विरंगे वसंती फूलों से महकाती है।
उत्साह व प्रेम का प्रतीक वेलेंटाइन्स डे प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष 14 फरवरी 2012 को प्रत्येक युवक-युवतियों को जोश व उत्साह से भर खुशनुमा वातावरण बना देने को लालायित है। यह दिवस संत वेलेंटाइन्स जो कि रोम में एक चर्च के पादरी थे, के नाम पर मनाया जाता है। जिन्होंने लोगों को प्रेम व चाहत का संदेश दिया। जिसे विशेषतः युवा वर्ग आज भी मन में सजाए हुए हैं।
ज्योतिष में अंकशास्त्रीय दृष्टि से 14 फरवरी का दिन बहुत महत्वपूर्ण है, जिसका योग 1+4 = 5 बनता है। कालपुरुष की कुंडली में 5वां घर (यानी कि नंबर 5) प्रेम का घर होता है। अर्थात् अंकशास्त्रीय दृष्टि से यह दिन प्रेम व चाहत को बढ़ाने वाला होता है। बशर्ते सही जगह व उपयुक्त व्यक्ति, स्थान व सामाजिक ढांचे का ध्यान रखा जाए।
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जो युवा अपने हमसफर की तलाश में हैं या फिर जो अपना पहला कदम इस ओर बढ़ाना चाह रहे हैं उनके लिए यह दिन अनुकूल साबित होगा। अगर आप इस दिन अपने कमरे या घर को गुलाबी रंग से सजाएं और लाल रंग की पोशाक पहने तो यह प्रणय संबंधों में आनंद को और अधिक बढ़ाएगा।
लाल व गुलाबी रंग प्रेम, उत्साह व ऊर्जा के प्रतीक हैं तथा पुष्प कोमलता व आकर्षण का, यही वजह है कि लाल गुलाब व गुलाबी रंग बहुत विशेष हो जाते हैं।
मेष व वृश्चिक राशि के सहित जिन जातकों की कुंडली में लाल ग्रह मंगल उपयुक्त स्थान पर है उन्हें इस दिन अलग ही आनंद मिल सकता है। किन्तु मंगल की स्थिति प्रतिकूल होने पर संबंधों में तनाव व कटुता पैदा हो सकती है। ऐसे जातकों को गुस्से से बचते हुए आपसी प्यार व विश्वास को बढ़ाना चाहिए।
जिस किसी के जीवन में अधिक तनाव व उग्रता हो उसे संबंधित ग्रहोपचार से (यानी शुक्र और मंगल की पूजा) आपसी जीवन में प्रेम व चाहत को बढ़ाना चाहिए। तभी वेलेंटाइंस डे को सही अर्थों में मना सकेंगे।