ऐसे करें असली हीरे की पहचान : -
जो हीरा हल्के रंग की नीलिमा लिए श्वेत वर्ण का या नीली या लाल किरण निःसारित करते हुए सफेद वर्ण का हो या काले बिन्दुओं से मुक्त हो, वह उत्कृष्ट होता है। साथ ही इसमें चिकनापन, सुंदर चमक, अंधेरे में जुगनू की तरह चमकने वाला, सुंदर कठोर व अच्छे वर्णयुक्त हो वह श्रेष्ठ हीरा है।
जानिए हीरे के विशेष गुण :-
* हीरा सबसे अधिक कठोर होता है, जिससे किसी भी वस्तु से हीरे पर रगड़ या खरोंच का निशान या रगड़ने का भी निशान नहीं पड़ता।
* हीरा बिजली का कुचालक होता है, अतः हाथ में हीरे की अंगूठी पहनने पर बिजली के झटके का प्रभाव नहीं पड़ता है।
* बकरी के ताजे दूध में रखने पर कुछ समय उपरांत हीरा टूक-टूक हो जाता है।
* हीरे की चमक स्थायी व ताप में शीतल होती है।
* उन्नतोदर ताल द्वारा सूर्य की किरणें एकत्रित कर हीरे पर डालने पर जल जाता है।
* हीरे को अत्यधिक गर्म करने पर रंग हल्का हो जाता है, परन्तु शीतल होने पर रंग पुनः पूर्ववत् हो जाता है।
* हीरा कठोर होते हुए भी भंगुर है तथा हाथ से नीचे गिरने पर टूट जाता है।
* प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पानी पर तैरता है, इसलिए इसका नाम वारितर भी रखा गया है।
* अंधकार में अच्छे हीरे के प्रकाश में पढ़ा जा सकता है।