18 अप्रैल से नया सप्ताह प्रारंभ हो रहा है, यह 24 अप्रैल 2022 तक जारी रहेगा। अगर आप भी इन दिनों में मकान, प्लॉट या वाहन खरीदने या कोई नया व्यापार आरंभ करने जा रहे हैं तो इस शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें। 'वेबदुनिया' खास आपके लिए लेकर आई हैं यहां मुहूर्त और चौघड़िए के आधार पर इन 7 दिनों के अंतर्गत आने वाले पंचांग मुहूर्त की सौगात। जानिए यहां... weekly muhurat
(साप्ताहिक मुहूर्त 2022 : 18 अप्रैल से 24 अप्रैल 2022 तक)
18 अप्रैल 2022, सोमवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-वसन्त
वार-सोमवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-द्वितीया
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-विशाखा
योग (सूर्योदयकालीन)-सिद्ध
करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय- 6:00 से 7:30 तक, 9:00 से 10:30 तक, 3:31 से 6:41 तक
राहुकाल-प्रात: 7:30 से 9:00 बजे तक
दिशा शूल-आग्नेय
योगिनी वास-उत्तर
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-वृश्चिक
व्रत/मुहूर्त-भद्रा/सर्वार्थसिद्धि योग/गृहारंभ
यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
आज का उपाय-मंदिर में पंचामृत चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
19 अप्रैल 2022, मंगलवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-वसन्त
वार-मंगलवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-तृतीया
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-अनुराधा
योग (सूर्योदयकालीन)-व्यतिपात
करण (सूर्योदयकालीन)-विष्टि
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय-10:46 से 1:55, 3:30 5:05 तक
राहुकाल- दोप. 3:00 से 4:30 बजे तक
दिशा शूल-उत्तर
योगिनी वास-आग्नेय
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-वृश्चिक
व्रत/मुहूर्त-श्रीगणेश चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय रात्रि 10:03 मि.)/मूल प्रारंभ
यात्रा शकुन- दलिया का सेवन कर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ अं अंगारकाय नम:।
आज का उपाय-गणेश मंदिर में मोदक भेंट करें।
वनस्पति तंत्र उपाय- खैर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
20 अप्रैल 2022, बुधवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-ग्रीष्म
वार-बुधवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-चतुर्थी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-ज्येष्ठा
योग (सूर्योदयकालीन)-वरियान
करण (सूर्योदयकालीन)-बालव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
दिशा शूल-ईशान
योगिनी वास-नैऋत्य
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-धनु
व्रत/मुहूर्त-व्यापार मुहूर्त/ ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ
यात्रा शकुन-हरे फ़ल खाकर अथवा दूध पीकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:।
आज का उपाय-किसी मंदिर में शहद चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय- अपामार्ग के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
21 अप्रैल 2022, गुरुवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-ग्रीष्म
वार-गुरुवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-पंचमी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-मूल
योग (सूर्योदयकालीन)-परिघ
करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल-दक्षिण
योगिनी वास-दक्षिण
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-धनु
व्रत/मुहूर्त-मूल समाप्त/रवियोग
यात्रा शकुन- बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
आज का उपाय-विप्र को पीले फल भेंट करें ।
वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
22 अप्रैल 2022, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-ग्रीष्म
वार-शुक्रवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-षष्ठी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-पूर्वाषाढ़ा
योग (सूर्योदयकालीन)-शिव
करण (सूर्योदयकालीन)-वणिज
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल-वायव्य
योगिनी वास-पश्चिम
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-धनु
व्रत/मुहूर्त-भद्रा/जातकर्म/अन्नप्राशन/नामकरण संस्कार मुहूर्त
यात्रा शकुन- शुक्रवार को मीठा दही खाकर यात्रा पर निकलें।
आज का मंत्र-ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
आज का उपाय-लक्ष्मी मंदिर में छैने से बनी मिठाई चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय-गूलर के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
23 अप्रैल 2022, शनिवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-ग्रीष्म
वार-शनिवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-सप्तमी/अष्टमी (क्षय)
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-उत्तराषाढ़ा
योग (सूर्योदयकालीन)-साध्य
करण (सूर्योदयकालीन)-बव
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय-प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक
राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक
दिशा शूल-पूर्व
योगिनी वास-वायव्य
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-मकर
व्रत/मुहूर्त-सर्वार्थसिद्धि योग/शीतलापूजा (बासोड़ा)/त्रिपुष्कर योग/गृहप्रवेश मुहूर्त
यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
आज का उपाय-शनि मंदिर में खस का इत्र चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
24 अप्रैल 2022, रविवार के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
संवत्सर नाम-राक्षस
अयन-उत्तरायण
मास-वैशाख
पक्ष-कृष्ण
ऋतु-ग्रीष्म
वार-रविवार
तिथि (सूर्योदयकालीन)-नवमी
नक्षत्र (सूर्योदयकालीन)-श्रवण
योग (सूर्योदयकालीन)-शुभ
करण (सूर्योदयकालीन)-तैतिल
लग्न (सूर्योदयकालीन)-मेष
शुभ समय-9:11 से 12:21, 1:56 से 3:32
राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
दिशा शूल-पश्चिम
योगिनी वास-पूर्व
गुरु तारा-उदित
शुक्र तारा-उदित
चंद्र स्थिति-कुम्भ
व्रत/मुहूर्त-पंचक प्रारंभ (मतांतर)/ रवियोग
यात्रा शकुन- इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
आज का उपाय-विष्णु मंदिर में पपीता चढाएं।
वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
(निवेदन-उपर्युक्त विवरण पंचांग आधारित है पंचांग भेद होने पर तिथि/मुहूर्त/समय में परिवर्तन होना संभव है।)
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र