0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है।
आइए जानते हैं स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातक का भविष्यफल।
स्वाति नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 15वां है। स्वाति नक्षत्र राहु का दूसरा नक्षत्र है। राहु यानी अधंकार। राहु कोई ग्रह नहीं है न ही इसका आकाश में स्थान है। यह पृ- थ्वी का उत्तरी ध्रुव है।
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