0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक सारे नक्षत्रों का नामकरण इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है।
आइए जानते हैं श्रवण नक्षत्र में जन्मे जातक का भविष्यफल।
'श्रवण' का अर्थ होता है 'सुनना' और जो सुना गया है। उत्तराषाढ़ा और धनिष्ठा के बीच में श्रवण नक्षत्र होता है। नक्षत्र मंडल में इसका 22वां स्थान है। इस नक्षत्र में राज्याभिषेक, गृह निर्माण, प्रकाशन, ध्वजारोहण, नामकरण आदि कार्य शुभ होते हैं।
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