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जब एकादश भाव में हो सूर्य

शुभ-अशुभ प्रभाव

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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

आय में कमी और बाधा देता है नीच का सूर्य

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एकादश भाव जन्मकुंडली में आय भाव कहलाता है। इस भाव में बैठा कोई भी ग्रह शुभ परिणाम देता है ऐसी आम धारणा है। जबकि अनुभव में ऐसा नहीं पाया गया है। इस भाव में अशुभ ग्रह, नीचस्थ ग्रह, शत्रु क्षेत्री ग्रह व अशुभ प्रभाव से ग्रस्त ग्रह कभी भी शुभ परिणाम नहीं देते। यहाँ से सन्तान, विद्या, प्रेम, मनोरंजन भाव पर पूर्ण दृष्टि पड़ती है। इस भाव पर भी यहाँ से देखने वाले ग्रहों का शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता ही है।

एकादश भाव में सूर्य नीच का हो तो आय के मामलों में बाधा देगा लेकिन विद्या, सन्तान भाव पर उच्च दृष्टि होने से सन्तान का सुख उत्तम रहेगा वहीं शिक्षा पूरी होगी। स्वराशिस्थ सूर्य आय के मामलों में ठीक रहेगा लेकिन शिक्षा व सन्तान के क्षेत्र में मिलीजुली स्थिति देगा। सिंह लग्न में सूर्य बुध की राशि पर होने से इसके शुभ फल ही मिलेंगे। आय भाव पर मित्र का होगा वहीं पंचम भाव पर मित्र दृष्टि डालेगा।

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एकादश भाव पर धनु का सूर्य भी उत्तम परिणामदायक होगा। इस भाव में मीन का सूर्य भी शुभ फलदायी रहेगा। विद्या, सन्तान, आय से लाभदायक रहेगा। मकर का सूर्य आय भाव में व पंचम भाव में शुभ नहीं रहेगा। वृश्चिक का सूर्य आय भाव के लिए उत्तम रहेगा, वहीं पंचम भाव पर मिलेजुले परिणाम देगा।

इस भाव में बैठा सूर्य मान-प्रतिष्ठा दायक होगा, राजसुख उत्तम रहेगा। अपने परिवार में प्रमुख रहेगा, दीर्घायु होने के साथ-साथ धार्मिक प्रवृत्ति का भी होगा। अशुभ सूर्य होने पर वह जातक झूठा तथा दूसरों को धोखा देने वाला भी हो सकता है। अशुभ सूर्य होने पर माणिक नहीं पहनें व अभक्ष पदार्थों का सेवन न करें।

पाँच बादाम अपने सिरहाने रखें व प्रातः मन्दिर में रख दें। इस प्रकार 43 दिन तक नित्य बगैर नागा किए करें तो सूर्य के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।

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