1.
सूर्य : सूर्य ग्रह आत्मविश्वास का प्रबल कारक है। मूलांक 1 वाले व्यक्ति प्रबल आत्मविश्वासी होते हैं। पत्रिका में सूर्य की स्थिति देखें। यदि सूर्य कारक होकर शत्रु क्षेत्री है, राहु-केतु के प्रभाव में है तो उसे मजबूत करना जरूरी है।उपाय : * पिता की सेवा करें।* रविवार का व्रत करें। बिना नमक का भोजन लें। * रोज प्रात: सूर्य के सामने खड़े होकर गायत्री मंत्र का या 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' का 21 बार जाप करें। सूर्य यंत्र अपने पास रखने से भी लाभ होता है। 2.
मंगल : मंगल ऊर्जा व साहस का स्रोत है। यदि कुंडली में मंगल कारक होकर शत्रु क्षेत्री हो, निर्बल या नीच हो तो ऊर्जा में कमी होगी। * मंगलवार का व्रत करें।* लाल मसूर का दान करें।* रक्त दान करें।* हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पढ़ें।* बंदरों को गुड़-चने खिलाएँ।3.
बुध : बुध सहज बुद्धि व वाकपटुता देता है जो बोलने में निपुण बनाता है। यदि पत्रिका में यह कारक होकर अशुभ हो तो निम्न उपाय करें। उपाय : गाय को हरा चारा खिलाएँ। * हरी सब्जियाँ, सलाद, खट्टे फल खाएँ।* गणपति की आराधना करें।* हरी वस्तुओं का दान करें।
4. गुरु : गुरु बुद्धि व ज्ञान का कारक है। ज्ञान से आत्मविश्वास बढ़ता है। यदि यह अशुभ स्थानों में हो तो निम्न उपाय करें।
* गुरु के साथ रहें, उनका आदर करें।
* पीला रूमाल अपने पास रखें।
* चने की दाल और गुड़ गाय को खिलाएँ।
* निर्धन विद्यार्थी को शिक्षा सामग्री दान दें।