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जब हो आत्मविश्वास की कमी

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भारती पंडित

कई बार देखा जाता है कि कुछ लोग ज्ञानी होते हैं, जानकार होते हैं मगर उस ज्ञान को लोगों तक पहुँचा नहीं पाते।

कुछ लोग दूसरों के सामने बातचीत करने में भी हड़बड़ा जाते हैं और सामने वाले पर प्रभाव नहीं डाल पाते। प्राय: इंटरव्यू देते समय ऐसी स्थिति बनती है तो बनती बात बिगड़ सकती है। ऐसा यदि आपके साथ भी बार-बार होता है तो अपनी कुंडली पर नजर डालें।
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1. सूर्य : सूर्य ग्रह आत्मविश्वास का प्रबल कारक है। मूलांक 1 वाले व्यक्ति प्रबल आत्मविश्वासी होते हैं। पत्रिका में सूर्य की स्थिति देखें। यदि सूर्य कारक होकर शत्रु क्षेत्री है, राहु-केतु के प्रभाव में है तो उसे मजबूत करना जरूरी है।

उपाय :
* पिता की सेवा करें।
* रविवार का व्रत करें। बिना नमक का भोजन लें।
* रोज प्रात: सूर्य के सामने खड़े होकर गायत्री मंत्र का या 'ॐ घृणि सूर्याय नम:' का 21 बार जाप करें। सूर्य यंत्र अपने पास रखने से भी लाभ होता है।

2. मंगल : मंगल ऊर्जा व साहस का स्रोत है। यदि कुंडली में मंगल कारक होकर शत्रु क्षेत्री हो, निर्बल या नीच हो तो ऊर्जा में कमी होगी।
* मंगलवार का व्रत करें।
* लाल मसूर का दान करें।
* रक्त दान करें।
* हनुमान चालीसा या सुंदरकांड पढ़ें।
* बंदरों को गुड़-चने खिलाएँ।

3. बुध : बुध सहज बुद्धि व वाकपटुता देता है जो बोलने में निपुण बनाता है। यदि पत्रिका में यह कारक होकर अशुभ हो तो निम्न उपाय करें।
उपाय : गाय को हरा चारा खिलाएँ।
* हरी सब्जियाँ, सलाद, खट्‍टे फल खाएँ।
* गणपति की आराधना करें।
* हरी वस्तुओं का दान करें।

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4. गुरु : गुरु बुद्धि व ज्ञान का कारक है। ज्ञान से आत्मविश्वास बढ़ता है। यदि यह अशुभ स्थानों में हो तो निम्न उपाय करें।
* गुरु के साथ रहें, उनका आदर करें।
* पीला रूमाल अपने पास रखें।
* चने की दाल और गुड़ गाय को खिलाएँ।
* निर्धन विद्यार्थी को शिक्षा सामग्री दान दें।

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