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मेष लग्न: मेष राशि पर साढ़ेसाती-1

राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव व बचाव

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हमें फॉलो करें मेष लग्न: मेष राशि पर साढ़ेसाती-1
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पं. अशोक पँवार 'मयंक'

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शनि के खौफ से हर कोई डरता है जबकि इसको समझने की आवश्यकता है। शनि आकाश मण्डल में सबसे खूबसूरत ग्रह है न कि बदसूरत, कूबड़ा, लंगड़ा आदि। ऐसी ही बातें इस ग्रह के बारे में कही जाती हैं।

शनि का रंग नीला होता है न कि काला। इसकी महादशा उन्नीस वर्ष की होती है। इसकी साढ़ेसाती पूरे साढ़े सात वर्ष की होती है। किसी को भी साढ़ेसाती जब लगती है तो यह सबसे पहले एक घर पीछे व जन्म राशि पर एवं एक घर आगे रहती है।

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उदाहरण- मेष पर साढ़ेसाती लगे तो यह पहले के ढाई वर्ष चन्द्र के मीन राशि पर रहने से प्रथम साढ़ेसाती कहलाएगी व मेष पर दूसरी एवं वृषभ पर तीसरी या अन्तिम साढ़ेसाती कहलाएगी। जब साढ़ेसाती लगती है तो पहले सिर पर रहती है। ऐसी स्थिति में यह उस जातक के लिए दिमागी परेशानी बढ़ाता है।

दूसरी साढ़ेसाती पेट पर होने से रोजी-रोजगार पर असर डालता है व अन्तिम साढ़ेसाती उतरती लाभदायक रहती है। किसी-किसी को लगती साढ़ेसाती फायदा करती है तो किसी-किसी को उतरती। शनि किसी न किसी रूप में हर मानव जाति पर प्रभाव डालता ही है।

हम यहाँ पर मेष लग्न वालों व भिन्न-भिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव व इसके प्रभाव को कम करने के उपाय बताएँगे।

मेष लग्न में मीन राशि पर शनि हो तो शनि की तृतीय दृष्टि वृषभ पर मित्र दृष्टि पड़ने से द्वितीय भाव धन, कुटुम्ब, वाणी पर अशुभ प्रभाव नहीं होगा। मीन से शनि की सप्तम दृष्टि कन्या राशि स्थित षष्टम भाव शत्रु, रोग, कर्ज को बढ़ने नहीं देगा व नाना-मामा का सहयोग दिलाएगा। शनि की दशम दृष्टि नवम भाव पर समदृष्टि पड़ने से अशुभ फल नहीं देगा लेकिन स्वयं के स्वास्थ्य को कुछ बिगाडे़गा। शनि मीन में रहकर नीचाभिलाषी जो होता है।

शनि दूसरी साढ़ेसाती लग्न से व शनि के नीच होने से स्वयं के लिए कष्टकारी रहेगी। ढाई वर्ष में बहुत कुछ देखने को मिल सकता है। सभी क्षेत्र में बाधा, व्यर्थ हानि, पदच्युत होना, शारीरिक, मानसिक कष्ट भोगना पड़ सकता है। भाई व स्त्री के लिए लाभदायक रहती है। स्त्री हो तो पुरुष के लिए लाभदायक रहेगी।

शनि की उतरती साढ़ेसाती वृषभ पर मित्र राशि होने से लाभदायक रहेगी। आर्थिक लाभ भी रहेगा, माता के लिए कुछ कष्टकारी रहेगी। इस अवधि में वाहनादि सावधानी से चलाएँ। शनि की महादशा या अर्न्तदशा चल रही हो तो शनि की स्थितिनुसार फल मिलता है। इस लग्न में शनि किसी भी भाव में हो कहीं न कहीं अशुभ परिणाम देगा।

* शनि दर्शन से बचें।
* नीलम व लोहे का छल्ला कदापि न पहनें।
* उड़द मिली रोटी काले कुत्ते को शनिवार के दिन खिलाएँ।
* शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए प्रत्येक शनिवार को बहते जल में नौ बादाम बहाएँ।
* सवा पाव काले उड़द काले कपडे़ में शनिवार को अपने ऊपर से नौ बार उतारकर किसी को दे दें।
* काला कंबल एक दिन उपयोग करने के बाद किसी को दान में दे दें।

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