राहु-केतु के बारे में प्राय: माना जाता है कि 'शनि वत राहु, कुज वत केतु' अर्थात राहु शनि के समान और केतु मंगल के समान फल देता है। परंतु यह अनुभव से जाना गया है कि ये दोनों ही ग्रह छाया ग्रह हैं और जिस राशि में होते हैं या गोचर में भ्रमण करते हैं, उसी के स्वामी ग्रहानुसार फल देते हैं।
विस्तृत विवेचन :
1. यदि राहु कुंडली में मेष में हो, केतु तुला में होगा तब राहु-मंगल समान व केतु-शुक्र समान फल देगा।
2. राहु वृषभ में व केतु वृश्चिक में होगा तब राहु-शुक्र व केतु-मंगल सम फल देगा।
3. राहु मिथुन में व केतु धनु में हो तो राहु-बुध सम व केतु-गुरु सम फल देगा।
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4. राहु कर्क में व केतु मकर में हो तो राहु-चंद्र सम व केतु-शनि सम फल देगा।
5. राहु सिंह में हो व केतु कुंभ में हो तो राहु-सूर्य सम व केतु-शनि सम फल देगा।
6. कन्या में राहु हो व केतु मीन में हो तो राहु-बुध सम और केतु-गुरु सम फल देगा।
7. राहु तुला में और केतु मेष में हो तो राहु-शुक्र सम व केतु-मंगल सम फल देगा।
8. राहु वृश्चिक में व केतु वृषभ में हो तो राहु-मंगल सम व केतु-शुक्र सम फल देता है।
9. राहु धनु में व केतु मिथुन में हो तो राहु-गुरु सम और केतु-बुध सम फल देगा।
10. राहु मकर में व केतु कर्क में हो तो राहु-शनि सम व केतु-चंद्र सम फल देगा।
11. कुंभ में राहु हो और केतु सिंह में हो तो राहु-शनि सम और केतु-सूर्य सम फल देगा।
12. राहु मीन में और केतु कन्या में हो तो राहु-गुरु सम और केतु-बुध जैसा फल देगा।
विशेष : राहु-केतु परस्पर 180 अंश की दूरी पर रहते हैं। (आमने-सामने)