कहते हैं कि कुंडली में चंद्र के मजबूत होने से शुक्र और बुध ग्रह स्वत: ही मजबूत हो जाते हैं। यदि चंद्र कमजोर है तो व्यक्ति में घबराहट, बैचेनी और भय बना रहता है और साथ ही धन की कमी भी पैदा हो जाती है। यह भी कहा जाता है कि इसके दूषित होने से सर्दि जुकाम के साथ ही कई गंभीर रोग भी हो जाते हैं। आओ जानते हैं कि किस तरह करें ज्योतिष के अनुसार चंद्र को मजबूत।
शनि के साथ युति हो तो विषयोग बनाता है। राहु के साथ है तो चंद्रग्रहण माना जाता है। 6, 8, 10, 11 एवं 12 नंबर खाने में चन्द्र मंदा होता है। चन्द्रमा पर शुक्र, बुध, शनि, राहु व केतु की दृष्टि होती है, तो मंदा फल होता है। राहु, केतु या शनि के साथ होने तथा उनकी दृष्टि चन्द्र पर पड़ने से चन्द्र अशुभ हो जाता है।
चंद्रमा को इन 10 उपायों से मजबूत करें (Chandrama ke upay Astrology):
1. घर में चांदी की चीजें रखें।
2. सोमवार, एकादशी या पूर्णिमा का व्रत रखें।
3. अच्छे से श्रद्धा करें और बुजुर्गों और बच्चों के पैर छूकर आशीर्वाद लें।
4. नाक छिदवाकर उसमें 43 दिनों के लिए चांदी का तार डालें।
5. मंदिर में चना व दाल अर्पण करें। सूर्य, गुरु और मंगल की वस्तुएं दान करें।
6. अस्पताल में या श्मशान घाट में हैंड पंप लगवाएं।
7. शिवजी, पार्वती और गणेशजी की पूजा अर्चना करते रहें।
8. कुत्ते को रोटी खिलाते रहें।
9. प्रतिदिन अपनी मां के चरण स्पर्श करें और उनका आशीर्वाद लें।
10. सोमवार को सफेद कपड़े पहनें।
11. बिना नमक के दही, दूध, चावल, चीनी और घी से बने खाद्य पदार्थ का सेवन करें।
12. मोती या मोती का उपरत्न चंद्रकांत मणि को पहन सकते हैं।
13. चंद्र ग्रह को अर्घ्य अर्पित करें और यह मंत्र जपें- ॐ सों सोमाय नम: या ओम श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम: मंत्र का 3, 5 या 11 माला जप करें।
सावधानी :
1. चंद्र छठे भाव में है तो भूलकर भी दूध या पानी का दान न करें।
2. चंद्र बलवान होने पर चांदी, मोती, चावल आदि का दान न करें।
3. बारहवें भाव में चन्द्र हो तो साधुओं का संग करना अशुभ और भिखारियों को नित्य भोजन न कराएं। माता और मौसी को सुखी नहीं रखते हैं तो बर्बादी।
4. चंद्र चतुर्थ भाव में है तो कभी भी दूध, जल अथवा दवा का मूल्य नहीं लें।
5. चंद्र-केतु एक साथ हो तो किसी के पेशाब के ऊपर पेशाब न करें।
6. चंद्र यदि शनि या राहु के साथ है तो यह विषयोग के समान होता है इसका उपाय करना चाहिए।