धनु और मीन राशि का स्वामी बृहस्पति कर्क में उच्च का और मकर में नीच का माना गया है। इसके सूर्य, मंगल, चंद्र मित्र, शुक्र, बुध शत्रु और शनि, राहु समय है। मंगल के साथ होने से बलशाली हो जाता है। का पक्का घर है। लाल किताब में शत्रु और मित्र कुंडली की स्थिति के अनुसार होते हैं। लाल किताब के अनुसार यहां प्रस्तुत हैं बृहस्पति को शुभ करने के खाने अनुसार उपाय।
बृहस्पति के अशुभ होने की निशानी
1.सिर पर चोटी के स्थान से बाल उड़ जाते हैं।
2.गले में व्यक्ति माला पहनने की आदत डाल लेता है।
3.सोना खो जाए या चोरी हो जाए।
4.बिना कारण शिक्षा रुक जाए।
5.व्यक्ति के संबंध में व्यर्थ की अफवाहें उड़ाई जाती हैं।
6.आंखों में तकलीफ होना।
7.मकान और मशीनों की खराबी।
8.अनावश्यक दुश्मन पैदा होना।
9.धोखा होना, सांप के सपने।
10.सांस या फेफड़े की बीमारी होना।
11.गले में दर्द बना रहना।
12.2, 5, 9, 12वें भाव में बृहस्पति के शत्रु ग्रह हों या शत्रु ग्रह उसके साथ हों तो बृहस्पति मंदा होता है।
खाने अनुसार बृहस्पति के सामान्य उपाय
बृहस्पति खाना नंबर 1
1.यदि शनि पांचवें घर में होतो खुद का मकान न बनाए।
2.नौवें घर में है तो स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
3.राहु यदि आठवें या ग्यारहवें घर में होतो पिता का ध्यान रखें।
4. गाय व अछूतों की सेवा करनी चाहिए।
5.नाक में 43 दिनों तक चांदी पहननी चाहिए।
बृहस्पति खाना नंबर 2
1.सूर्य से संबंधित कोई भी काम न करें।
2.दूसरे भाव में गुरु ग्रह के उत्तम फल पाने के लिए श्रद्धा-भाव से दान दें।
3.सांप को दूध पिलाना उचित माना गया है।
बृहस्पति खाना नंबर 3
1.भाई और बहनों से अच्छे संबंध बना कर रखें।
2.दुर्गा मां का भूल कर भी अपमान न करें।
3.कन्याओं का सम्मान करें।
4.माता दुर्गा की आराधना कर भोग लगाकर आशीष लें।
बृहस्पति खाना नंबर 4
1.दसवें घर में गुरु के शत्रु ग्रह हैं तो सवधानी बरतें। बदनामी हो सकती है।
2.बहन, पत्नी और मां का सम्मान करें।
3.यहां बैठे गुरु के कारण परेशानी हो रही है तो घर में मंदिर स्थापित नहीं करें।
4. बड़े-बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने व नाग देवता को दूध पिलाने से भी राहत मिलती है।
बृहस्पति खाना नंबर 5
1.औलाद ही दौलत और सुख-शांति है इसलिए उसे दुखी न करें।
2.यदि अशुभ केतु ग्यारहवें घर में हो तो धर्म के नाम पर किसी से कुछ न लें।
3.धर्मार्थ कोई भी काम न करें।
4.किसी से भी दान या उपहार न लें।
बृहस्पति खाना नंबर 6
1.बहन, मौसी, बुआ से अच्छा व्यवहार रखें।
2.मेहनत से कमाएं पर ही गुजारा करें।
3.लापरवाही और आलस्य को त्याग दें।
4.प्राप्त चिजों की कदर करें।
6.गुरु से संबंधित वस्तुओं का मंदिर में दान करें।
7. मुर्गे को दाना देना डालें।
8. साधु या पंडित को वस्त्र दान दें।
बृहस्पति खाना नंबर 7
1.घर में मंदिर रखना वर्जित।
2.कपड़ों का दान करना वर्जित।
3.पराई स्त्री से संबंध न रखें।
*भगवान शिव की आराधना करें।
बृहस्पति खाना नंबर 8
1.बृहस्पति के पक्के घरों में उसके शत्रु ग्रह हों तो उपाय करें।
2.राहु से संबंधित जैसे गेहूं, सत्तू व नारियल को बहते जल में प्रवाह करें। 3.घी, आलू व कपूर मंदिर में दान करें।
बृहस्पति खाना नंबर 9
1.धर्म विरुद्ध आचरण बर्बादी का कारण बन सकता है।
2.रोजाना मंदिर जाएं
3.चावल को जल में प्रवाहित करें।
4.शराब से दूरी बनाए रखें।
बृहस्पति खाना नंबर 10
1.शादी के बाद किसी भी दूसरी स्त्री से संबंध न रखें।
2.अपने श्रम और कर्म पर ही भरोसा रखें।
3.यदि शनि 1, 10, 4 में हो तो किसी को खाने या पीने की कोई भी वस्तु न दें। 4.धार्मिक स्थलों पर बादाम दान करें।
5.माथे पर केसरिया तिलक लगाएं।6.तांबे के सिक्के को बहते पानी में डालें।
बृहस्पति खाना नंबर 11
1.गरीबों की हर संभव मदद करें।
2.पिता का अपमान न करें। 3.वादा खिलाफी न करें।
4.संबंधों को बना कर रखें।
5.सोने के आभूषण हमेशा धारण करें।
6.पीपल के पौधे को जल चढ़ाएं।
7.तांबे की चूड़ी या कड़ा पहनें।
बृहस्पति खाना नंबर 12
1.गले में माला न पहने।
2.वृक्ष काटने का काम न करें।
3.गुरु या साधु का अपमान न करें।
4.बहुत ज्यादा बोले नहीं।
5.साधुओं की सेवा करें।
6.पानी या सौंफ को बिस्तर के सिरहाने रखकर सोएं।