शनिवार यानी शनिश्चर का व्रत के करने से मनुष्य की सब प्रकार की सांसारिक झंझटें दूर होती हैं। झगड़े में विजय प्राप्त होती है।
आइए, जानते हैं कैसे करें यह व्रत-
* शनिश्चर का व्रत 51 या 19 शनिवारों तक करना चाहिए।
* काला वस्त्र धारण करके 'ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनये नम:' इस मंत्र की 19, 11 या 5 माला जपें।
* जप करते समय एक पात्र में शुद्ध जल, काला तिल, दूध, चीनी और गंगा जल अपने पास रख लें। जप के बाद इसको पीपल वृक्ष की जड़ में पश्चिम मुखी होकर चढ़ा दें।
* भोजन में उड़द (कलाई) के आटे से बनी चीजें, पंजीरी, पकौड़ी, चीला और बड़ा इत्यादि खाएं।
* कुछ तेल में बनी चीजें अवश्य खाएं।
* फल में केला खाएं।
* लोहे, मशीनरी, कारखाने वालों के लिए यह व्रत व्यापार में उन्नति और लाभदायक होता है।