शनिदेव ने अपनी वक्र दृष्टि जिस भी देवता पर डाली वह सभी परेशा हो चुके हैं। इसलिए कहते हैं कि शनिदेव को प्रसन्न करना बहुत कठिन भी है और सरल भी है।
1. कर्म को सुधारें : सबसे जरूरी बात है कर्म को सुधारना। मतलब यह कि आप जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याज का धंधा करना, किसी महिला के प्रति बुरी नजर रखना, निर्दोष पशु या पक्षी को सताना, धर्म का मजाक उड़ाना, छुआछूत या ऊंच नीच की भावना रखना, परिवार और रिश्तों का सम्मान नहीं करना, गाली बकते रहना आदि कार्य करना छोड़ दें।
2. यह काम करेगा शनिदेवजी को प्रसन्न : हनुमान भक्तों पर शनिदेव की विशेष कृपा रहती है। प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें। इसके साथ ही शनिवार को एक कांसे की कटोरी में सरसों का तेल और सिक्का (रुपया-पैसा) डालकर उसमें अपनी परछाई देखें और तेल मांगने वाले को दे दें या किसी शनि मंदिर में शनिवार के दिन कटोरी सहित तेल रखकर आ जाएं। साथ ही पीपल के वृक्ष में शाम को दीया जलाएं। यह उपाय आप कम से कम पांच शनिवार करेंगे तो आपकी शनि की पीड़ा शांत हो जाएगी और शनिदेव की कृपा शुरू हो जाएगी।