कब देते हैं ग्रह शुभ या अशुभ फल...
ज्योतिष शास्त्र का नियम है कि विभिन्न लग्न, दशा अथवा योग के सम्मिलित अध्ययन से ही किसी भी जातक की कुंडली का फल बनता है। किसी भी ग्रह के शुभ-अशुभ फलों का पता करने के लिए ज्योतिष में कई बातों का ध्यान रखा जाना पड़ता है। चन्द्र लग्नं शरीरं स्यात्, लग्नस्यात् प्राण संज्ञकम। ते उभे शंपरीक्ष्यैव सर्व नाड़ी फलं स्मृतम। अर्थात् चंद्र लग्न शरीर है और लग्न प्राण, इन दोनों का सम्मिलित विचार करके ही कुंडली का फल करना चाहिए। ध्यान रहे कोई भी ग्रह अपना शुभ अथवा अशुभ फल अपनी महादशा में देते हैं।
शुभ फल प्रदान करने वाले योग...