Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

कर्णपिशाचिनी साधना - प्रयोग 2

Advertiesment
हमें फॉलो करें कर्णपिशाचिनी साधना
कर्णनिशाचिनी साधना का द्वितीय प्रयोग वेबदुनिया के पाठकों के लिए प्रस्तुत है।
WD

प्रयोग- 2
आम की लकड़ी से बने पटिए पर गुलाल बिछाएँ। अनार की कलम से रात्रि में एक सौ आठ बार मंत्र लिखें और मिटाते जाएँ। लिखते हुए मंत्र का उच्चारण भी जरूरी है। अंतिम मंत्र का पंचोपचार पूजन कर फिर से 1100 बार मंत्र का उच्चारण करें।

मंत्र को अपने सिरहाने रख कर सो जाए। लगातार 21 दिन करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है। यह मंत्र अक्सर होली, दीवाली या ग्रहण से आरंभ किया जाता है। 21 दिन तक इसका प्रयोग होता है।

सावधानी :-
- मंत्र के पश्चात जिस कमरे में साधक सोए वहाँ और कोई नहीं सोए।

- जहाँ बैठकर मंत्र लिखा जाए वहीं पर साधक सो जाए वहाँ से उठे नहीं।

मंत्र :-
'ॐ नम: कर्णपिशाचिनी मत्तकारिणी प्रवेशे अतीतानागतवर्तमानानि सत्यं कथय में स्वाहा।।'

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi