गृह रक्षा मंत्र और पति मोहन मंत्र
गृहस्थी की रक्षा करें चमत्कारी मंत्र
मंत्र - ऊँ ह्रीं चामुण्ड भृकुटि-अट्टाहसे भीम दर्शने-रक्ष रक्ष चौरे: वजुवैभ्य: अग्रिभ्य: श्वापदेभ्य: दुष्ट जनेभ्य: सर्वेभ्य सर्वोपद्रवेभ्य: ग्रहणी ह्यीं हो ठ: ठ। इस मंत्र को 108 बार पढ़कर मकान के चारों तरफ रेखा खींच देने से उस घर में दुष्ट आत्माएँ, भूत, प्रेत, चोर, डाकू तथा दुष्ट व्यक्ति या हिंसक जंतुओं के प्रवेश का भय, बिजली गिरने व आग लगने का भय नहीं रहता है।किसी शुभ तिथि, घड़ी, नक्षत्र या चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण में दस हजार बार पाठ करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। सरस्वती आकर्षण मंत्र मंत्र - ऊँ वाग्वादिनी स्वाहा मिन्सहरा। इस मंत्र को किसी भी शुभ तिथि में प्रात: उठकर नहा-धोकर पवित्र होकर सवा लाख बार जाप करने से देवी सरस्वती आकर्षित होकर विद्या दान देती है। उपरोक्त मंत्र पूर्ण श्रद्धा से करें, पूर्ण लाभ होगा।
पति मोहन मंत्र
मंत्र - ऊँ अस्य श्री सुरी मंत्र स्वार्थ वर्ण। ऋषि इति शिपस स्वाहा।
जिस नारी का पति उससे खुश ना रहता हो, उसे निम्न मंत्र का 108 बार प्रतिदिन नियम से जाप करते हुए 108 दिन तक पाठ करना चाहिए। इससे पति, पत्नी की तरफ आकर्षित होगा एवं दोनों का जीवन आनंदमय हो जाएगा।
उपरोक्त जानकारी प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों पर आधारित है। पाठक इन पर स्वविवेक से विश्वास करें।