शुक्र ग्रहों में सबसे चमकीला है और प्रेम का प्रतीक है। अपने जीवनसाथी को कष्ट देने, किसी भी प्रकार के गंदे वस्त्र पहनने, घर में गंदे एवं फटे-पुराने वस्त्र रखने से शुभ-अशुभ फल देता है। शुक्र ग्रह भोग-विलास, सांसारिक सुख, प्रेम, मनोरंजक, व्यवसाय, पत्नी का कारक ग्रह है। मूत्राशय, चर्म संबंधी बीमारी से इसका सीधा संबंध है।
* अपने भोजन को जूठा करने से पूर्व कुछ भाग गाय का निकालें।
* शुक्रवार को सफेद वस्त्र धारण करें।
* चांदी, चावल, दूध, दही, श्वेत चंदन, सफेद वस्त्र तथा सुगंधित पदार्थ किसी पुजारी की पत्नी को दान करें।
* घर में तुलसी का पौधा लगाएं और उसकी पूजा करें।
* श्वेत चंदन का तिलक करें।
* पानी में चंदन मिलाकर स्नान करें।
* चांदी का टुकड़ा या चंदन की लकड़ी नदी या नहर में प्रवाहित करें।
* सुगंधित पदार्थ का इस्तेमाल करें।
* संतान प्राप्ति के चाहवान दंपति हरसिंगार का पौधा घर में लगाएं तथा उसको ऐसे सींचे, जैसे अपने छोटे बच्चे की देखभाल करते हैं।
* शुक्रवार के दिन व्रत रखें।
* खीर कौओं और गरीबों को खिलाएं।
* शुक्रवार के दिन सफेद गाय को आटा खिलाना चाहिए।
* किसी खराब आंख वाले व्यक्ति को सफेद वस्त्र एवं सफेद मिष्ठान्न का दान करें।
* शुक्रवार के दिन गौ-दुग्ध से स्नान करना चाहिए।
* शुक्र बलवान होने पर सिले हुए सुंदर वस्त्र, सेंट (परफ्यूम) और आभूषण उपहार में नहीं देने चाहिए। शुक्र से संबंधित वस्तुओं जैसे सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।