अधिक मास में श्री कृष्ण की आराधना की जाती है। गोविन्द, गोपाल, माधव, बांकेबिहारी, नन्दलाल, मोहन, बंसीवाला, राधारमण ऐसे नाना प्रकार के नामों से पूजे जाने वाले विष्णु अवतार को जो प्राणी भजता है, उनको इस लोक (मृत्यु लोक) में सुख प्राप्त होता है एवं विष्णु-लोक की प्राप्ति होती है। अधिक मास में श्रीकृष्ण की आराधना का विशेष महत्व है।
राशि अनुसार अधिक मास में श्रीकृष्ण की आराधना किन मंत्रों से करें। आइए जानें-
मेष- ॐ माधवाय नम:
वृषभ- ॐ राधाप्रियाय नम:
मिथुन- ॐ भक्त-वत्सलाय नम:
कर्क- ॐ कृष्णाय नम:
सिहं- ॐ दामोदराय नम:
कन्या- ॐ देवकीसुताय नम:
तुला- ॐ दुख हरताय नम:
वृश्चिक- ॐ भक्त-प्रियाय नम:
धनु- ॐ वासुसुताय नम:
मकर- ॐ यदुनन्दनाय नम:
कुंभ- ॐ गोविन्दाय नम:
मीन- ॐ भक्त दुख हरताय नम:
विशेष- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ढाई मंत्र है, जो इस ढाई मंत्र का अधिक मास में जाप करता है उसको सुख और संपन्नता की प्राप्ति होती है एवं उसका पुन: मृत्यु लोक में जन्म नहीं होता।