बटुक भैरवजी तुरंत ही प्रसन्न होने वाले दुर्गा के पुत्र हैं। बटुक भैरव की साधना से व्यक्ति अपने जीवन में सांसारिक बाधाओं को दूर कर सांसारिक लाभ उठा सकता है।
' ॐ ह्रीं वां बटुकाये क्षौं क्षौं आपदुद्धाराणाये कुरु कुरु बटुकाये ह्रीं बटुकाये स्वाहा'
उक्त मंत्र की प्रतिदिन 11 माला 21 मंगल तक जप करें। मंत्र साधना के बाद अपराध-क्षमापन स्तोत्र का पाठ करें।
भैरव की पूजा में श्री बटुक भैरव अष्टोत्तर शत-नामावली का पाठ भी करना चाहिए।