धूमावती देवी की कृपा से साधक धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्त कर लेता है। देवी साधक के पास बड़ी से बड़ी बाधाओं से लड़ने और उनको जीत लेने की क्षमता आ जाती है।
महाविद्या धूमावती के मंत्रों से बड़े से बड़े दुखों का नाश होता है।
धूमावती गायत्री मंत्र:-
ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात।
देवी मां का महामंत्र है-
धूं धूं धूमावती ठ: ठ:
इस मंत्र से काम्य प्रयोग भी संपन्न किए जाते हैं। देवी को पुष्प अत्यंत प्रिय हैं इसलिए केवल पुष्पों के होम से ही देवी कृपा कर देती है,आप भी
मनोकामना के लिए यज्ञ कर सकते हैं,जैसे-
1. राई में सेंधा नमक मिला कर होम करने से बड़े से बड़ा शत्रु भी समूल रूप से नष्ट हो जाता है।
2. नीम की पत्तियों सहित घी का होम करने से लम्बे समय से चला आ रहा ऋण नष्ट होता है।
3. जटामांसी और कालीमिर्च से होम करने पर काल सर्प दोष नष्ट होते हैं व क्रूर ग्रह के दोष भी नष्ट होते हैं।
4. रक्तचंदन घिस कर शहद में मिला लें व जौ से मिश्रित कर होम करें तो दुर्भाग्यशाली मनुष्य का भाग्य भी चमक उठता है।
5. गुड़ व गन्ने से होम करने पर गरीबी सदा के लिए दूर होती है।
6 . केवल काली मिर्च से होम करने पर कारागार में फंसा व्यक्ति मुक्त हो जाता है।
7 . मीठी रोटी व घी से होम करने पर बड़े से बड़ा संकट व बड़े से बड़ा रोग अति शीघ्र नष्ट होता है।