पितृ दोष एक ऐसा दुर्योग है जो यदि जन्मपत्रिका में हो तो जातक का सम्पूर्ण जीवन कष्टप्रद व संघर्षमय व्यतीत होता है। जिन जातकों की जन्मपत्रिका में पितृ दोष है उन्हें प्रत्येक अमावस्या को प्रात:काल दिया गया उपाय करने से लाभ होता है। हरियाली अमावस्या उचित अवसर है इस उपाय को आजमाने का...
उपाय- अमावस्या वाले दिन प्रात:काल स्नान के उपरांत घर में हलुवा बनाएं। एक मटकी में शुद्ध जल भरें। मटकी के ऊपर एक मिट्टी की प्लेट रखकर मटकी का मुंह ढं क दें। अब इस प्लेट पर बनाया हुआ हलुवा रखें और उसे किसी पत्ते से ढंक दें। अब इस मटकी को किसी मंदिर या शुद्ध स्थान पर लगे पीपल के वृक्ष पर लटका दें।
लटकाने के उपरांत पीपल के नीचे दीप प्रज्जवलित कर धूप-दीप व पुष्प अर्पित करें और अपने पितरों से प्रार्थना करें कि वे आपके द्वारा लगाए गए भोग को ग्रहण करें और आपको आशीर्वाद प्रदान करें। प्रार्थना के उपरांत साष्टांग दण्डवत प्रणाम कर सीधे अपने घर लौट आएं। इस पूरी प्रक्रिया में पूर्ण गोपनीयता रखनी आवश्यक है। इस प्रक्रिया के दौरान किसी की भी टोक नहीं लगनी चाहिए इस बात का विशेष ध्यान रखें। प्रत्येक अमावस्या को पूर्ण श्रद्धा व शुचिता से यह उपाय करने से 'पितृ दोष के दुष्प्रभावों से मुक्ति मिलती है। यह उपाय किसी भी अमावस्या को किया जा सकता है।
-ज्योतिर्विद पं. हेमन्त रिछारिया