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किस जप साधना में कितने मनकों की माला लें, जानिए...

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* माला जपने से पूर्व जानें किस साधना में कौन-सी माला उपयोग में लाएं... 
 
मोक्ष प्राप्ति एवं सिद्धि प्राप्त करने के लिए मनुष्य जप साधना करता है। किसी भी जप अनुष्ठान में माला का बहुत महत्व है। माला में मनकों का प्रयोग किया जाता है, जिनके द्वारा हम जप की संख्या की निश्चित गणना करते है।
 
किस जप साधना में कितने मनकों की माला लें, आइए देखते हैं.... -
 
जप साधना में अलग-अलग संख्या वाले मनकों की माला का प्रयोग होता है। 
 
*  15 मनकों की माला- उच्चाटन, स्तंभन एवं वशीकरण के लिए। 
 
*  25 मनकों की माला- मोक्ष प्राप्ति एवं अभिचार की लिए। 
 
*  27 मनकों की माला- शारीरिक पुष्टि के लिए। 
 
*  30 मनकों की माला- धन प्राप्त करने के लिए। 
 
*  54 मनकों की माला- प्रिय-प्राप्ति (प्रिय-व्यक्ति) के लिए। 
 
*  100 मनकों की माला- मोक्ष प्राप्ति के लिए होती है।
 
*  108 मनकों की माला- शुभ कार्यों के लिए सर्वश्रष्ठ। 

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क्यों प्रधानता दी जाती है 108 मनकों की माला को। ज्योतिष कारण जानिए... 
 
ज्योतिष के अनुसार जीवन, जगत और सृष्टि का प्राणाधार सूर्य है, जो कि एक मास में एक वृत पूर्ण कर लेता है। खगोलीय वृत 360 अंशों का निर्मित है। यदि इसकी कलाएं बनाए तो 360 x 60 = 2160  सिद्ध होती है। 
 
सूर्य छ: महीने उत्तरायण एवं छ: महीने दक्षिणायन रहता है, अत: इन कलाओं के दो भाग करें तो एक भाग 10800 का होता है।  हिन्दू ज्योतिषियों ने सामंजस्य हेतु अंतिम दो बिन्दुओं से संख्या को मुक्त कर दिया, तो शुध्द संख्या 108 रही। इसलिए 108 मनके की माला से जप करने से पूर्ण सफलता मिलती है। 

- पं. सुरेंद्र बिल्लौरे 
 

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