Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बुधवार विशेष : ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र से शीघ्र चुकता होगा कर्ज

हमें फॉलो करें webdunia
अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए हर व्यक्ति को जीवन में कभी न कभी कर्ज लेना ही पड़ता  है। कई बार व्यक्ति कर्ज को जल्दी चुकाना चाहता है, लेकिन कर्ज का अंत ही नहीं होता है। ऐसे समय में ऋणमोचन हेतु 'ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र' का निरंतर पाठ करने से कर्ज शीघ्र ही  चुकता होता है, साथ ही धन पाने के अन्य कई रास्ते भी निकल आते हैं। आइए पढ़ें... 
 
ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र
 
ध्यान
 
ॐ सिन्दूर-वर्णं द्वि-भुजं गणेशं लम्बोदरं पद्म-दले निविष्टम्।
ब्रह्मादि-देवैः परि-सेव्यमानं सिद्धैर्युतं तं प्रणामि देवम्।।
 
।।मूल-पाठ।।
 
सृष्ट्यादौ ब्रह्मणा सम्यक् पूजित: फल-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।1
 
त्रिपुरस्य वधात् पूर्वं शम्भुना सम्यगर्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।2
 
हिरण्य-कश्यप्वादीनां वधार्थे विष्णुनार्चित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।3
 
महिषस्य वधे देव्या गण-नाथ: प्रपुजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।4
 
तारकस्य वधात् पूर्वं कुमारेण प्रपूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।5
 
भास्करेण गणेशो हि पूजितश्छवि-सिद्धए।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।6
 
शशिना कान्ति-वृद्धयर्थं पूजितो गण-नायक:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।7
 
पालनाय च तपसां विश्वामित्रेण पूजित:।
सदैव पार्वती-पुत्र: ऋण-नाशं करोतु मे।।8
 
इदं त्वृण-हर-स्तोत्रं तीव्र-दारिद्र्य-नाशनं,
एक-वारं पठेन्नित्यं वर्षमेकं सामहित:।
दारिद्र्यं दारुणं त्यक्त्वा कुबेर-समतां व्रजेत्।।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'लोहड़ी' गुरुबानी व कुर्बानी का पर्व, देता है भाईचारे का संदेश