व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कई बार ग्रहजनित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन ग्रहजनित समस्याओं के समाधान के लिए वह प्राय: भ्रमित सा रहता है क्योंकि उसे अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए कोई प्रामाणिक उपाय की जानकारी नहीं होती। ज्योतिष शास्त्र में अनिष्ट ग्रहों की शांति के लिए वैदिक शांति कर्म जैसे जप-अनुष्ठान, दान के अतिरिक्त कई ऐसे छोटे-छोटे उपायों का उल्लेख है जो करने में अत्यन्त सरल-सुलभ एवं परिणाम में बहुत ही लाभदायक होते हैं।
आज से हम "वेबदुनिया" के पाठकों के लिए सम्पूर्ण नवग्रहों की शांति के लिए प्रामाणिक ग्रह शांति उपायों की जानकारी प्रदान करेंगे। इस क्रम में आज हम ग्रहों के राजा सूर्य की शांति के उपायों की जानकारी दे रहे हैं-
-सूर्य का एकाक्षरी मंत्र- ॐ घृणि: सूर्याय नम:
-सूर्य के दान सामग्री : लाल वस्त्र,गुड़,गेहूं,माणिक्य,लाल पुष्प,केसर।
-सूर्य के दान का समय: सूर्योदय
-सूर्य के दान का दिन: रविवार
उपाय:
-250 ग्राम गुड़ रविवार को बहते जल में प्रवाहित करें।
-प्रतिदिन कुमकुम मिश्रित जल से सूर्यदेव को अर्घ्य दें।
-प्रति रविवार आठ बादाम मन्दिर में चढाएं।
-प्रति रविवार सूर्यास्त से पूर्व बिना नमक वाला भोजन करें।
-सवत्सा लाल गाय का दान करें।
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र