Festival Posters

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

जानिए बृहस्पति के योग एवं उनके खास मंत्र

Advertiesment
हमें फॉलो करें The Mantras for Jupiter
बृहस्पति : ग्रहों की युति की दृष्टि का फल


 
 
- आचार्य संजय
 
बृहस्पति को देवों के गुरु की उपाधि प्रदान की गई है। देवपूज्य बृहस्पति या गुरु दार्शनिक, आध्यात्मिक ज्ञान को निर्देशित करने वाला उत्तम ग्रह माना गया है। सूर्य के बाद सबसे विशाल ग्रह भी बृहस्पति ही है। बृहस्पति की कल्पना एक वृहदकाय और मिष्ठान प्रिय पुरुष की है।
 
इसीलिए कुछ ज्योतिष शास्त्रियों और कुंडली ज्ञाताओं के अनुसार बृहस्पति के कुछ योग-संयोग मोटापे के कारक होते हैं।
 
अध्ययन बताते हैं कि बृहस्पति महादशा, अन्तर्दशा अथवा प्रत्युंतर के दौरान जातक गरिष्ठ भोजन, श्रम की कमी और मानसिक तनाव से मोटापे से ग्रस्त होते हैं। इसलिए इन्हें खानपान में खास ध्यान देना चाहिए।
 
आगे पढ़ें ग्रहों की युति की दृष्टि का फल

 

 
कई बार विभिन्न ग्रहों की युति और कुदृष्टि से कई व्याधियां सताती है, बृहस्पति के साथ ग्रहों जैसे चंद्रमा की स्थिति ठीक न हो, तो जातक कफ से पीड़ित होता है।
 
इसी तरह सूर्य और मंगल के निर्बल होने से जातक को पाचन संबंधी परेशानिया हो सकती हैं। इसके निदान के लिए गले में हल्दी की गांठ धारण करें। बृहस्पति को प्रिय वस्तुओं का दान और मंत्र जाप से भी फायदा होता है।
 
उल्लेखनीय है कि गुरु को पीत वर्ण प्रिय है अतएवं जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह अच्छी स्थिति में नहीं है वे पीले रंग के वस्त्र दान करें।
 
पीली कढ़ी बनाकर खाएं और पीले खाद्य पदार्थ याचकों को दान करने से आशातीत सफलता मिलती है।
 
विद्यार्थियों को सलाह है कि वे अपने साथ पीला रुमाल रखें। इस दिन बृहस्पति पूजन करें, ध्यान रहे इस पूजन में केले का फल और पत्ते अनिवार्य हैं।
 
आगे पढ़ें बृहस्पति (गुरु) के खास मंत्र
 

 

 

बृहस्पति मंत्र का जाप करें, गुरु मंत्र का जाप 12 बार किया जाता है।
 
* देवानां च ऋषीणां च गुरुं का चनसन्निभम ।
बुद्धि भूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पितम ।।
 
* ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
 
* ॐ बृं बृहस्पतये नम:।
 
* ॐ अंशगिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय धीमहि तन्नो जीव: प्रचोदयात्।
 


(समाप्त)
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi