कार्तिक मास में भगवान विष्णु की पूजा के लिए चतुर्दशी का दिन बहुत महत्व रखता है। कार्तिक मास की यह चतुर्दशी जनमानस में बैकुंठ / वैकुंठ चतुर्दशी के नाम से प्रचलित है। इस दिन श्रीहरि विष्णु की उपासना करके उन्हें प्रसन्न किया जा सकता है।
वैसे तो हमें हर समय भगवान विष्णु का स्मरण करते रहना चाहिए क्योंकि विष्णु के नाम और मंत्रों में मनुष्य के सभी संकटों का नाश करने की शक्ति है, इस पूजन से मनुष्य को अपार धन-वैभव की प्राप्ति होती है। भगवान विष्णु का स्वरूप शांत और आनंदमयी है तथा वे जगत का पालन करने वाले देवता हैं। इसलिए शास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास में भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना विशेष फलदायी रहता है।
आइए जानें भगवान श्रीहरि विष्णु के 10 चमत्कारिक मंत्र...
1. ॐ हूं विष्णवे नम:
2. ॐ विष्णवे नम:
3. ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
4. श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।
5. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
6. ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।
7. लक्ष्मी विनायक मंत्र -
दन्ताभये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
8. धन-वैभव एवं संपन्नता का मंत्र -
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
9. विष्णु के पंचरूप मंत्र -
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
10. सरल मंत्र -
- ॐ अं वासुदेवाय नम:
- ॐ आं संकर्षणाय नम:
- ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
- ॐ अ: अनिरुद्धाय नम: