कभी मनुष्य एकाएक इतनी परेशानियों या तकलीफों में फंस जाता है कि कुछ समझ ही नहीं आता। कई बार इसका कारण होता है कि जातक भूत-प्रेत अथवा नजर, हाय या किसी दुष्ट आत्मा के जाल में फंस जाता है।
ऐसी विकट स्थिति में ज्योतिषीय सामग्रियों के धारण या पूजन से अवश्य लाभ मिलता है।
बाधामुक्ति कवच बुरी नजर से बचाव करता है। तंत्र-मंत्र-जादू, टोने के दुष्प्रभाव को काटता है व शनि दोष, साढ़ेसाती, ढैय्या की अवधि में विशेष रूप से शुभ रहता है।
इसके चमत्कारिक प्रभाव से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में वृद्धि होती है तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार धारक को आशा और उन्नति की ओर लेकर जाता है। कैसे बनता है यह शक्तिशाली कवच...
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बाधामुक्ति कवच पांचमुखी, तेरहमुखी तथा गणेश रुद्राक्ष के संयुक्त मेल से बनाया गया है। तेरह मुखी रुद्राक्ष विश्वेश्वर का प्रतीक होने के कारण सभी बाधाओं को नष्ट करता है।
पांचमुखी रुद्राक्ष, महारुद्र स्वरूप है और पाप, ताप आदि अशुभ बाधाओं से रक्षा करता है।
गणेश रुद्राक्ष विघ्नेश्वर का स्वरूप होने के कारण जीवन में आने वाली सभी विघ्न-बाधाओं को दूर करता है।
इस बाधामुक्ति कवच को धारण करने से धारणकर्ता के जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का निराकरण होता है।