- आचार्य संजय
नौ ग्रहों में सूर्य को राजा, चंद्रमा को राजमाता और शुक्र को रानी माना गया है। शुक्रवार के दिन शुक्र ग्रह के लिए विशेष उपासना की जानी चाहिए। शुक्र के जातक आम तौर पर फैशन जगत, सिनेमा जगत तथा ऐसे ही अन्य क्षेत्रों में सफल होते हैं जिनमें सफलता पाने के लिए शारीरिक सुंदरता को आवश्यक माना जाता है।
शुक्र को सुंदरता की देवी भी कहा जाता है और इसी कारण से सुंदरता, ऐश्वर्य तथा कला के साथ जुड़े अधिकतर क्षेत्रों के कारक ग्रह शुक्र ही होते हैं, जैसे कि फैशन जगत से जुड़े लोग, सिनेमा जगत एवं रंगमंच तथा इससे जुड़े लोग, चित्रकारी तथा चित्रकार, नृत्य कला तथा नर्तक-नर्तकियां, इत्र तथा इससे संबंधित व्यवसाय, डिजाइनर कपड़ों का व्यवसाय, होटल व्यवसाय तथा अन्य ऐसे व्यवसाय जो सुख-सुविधा तथा ऐश्वर्य से जुड़े हैं।
शुक्र को भोग विलास और सुंदरता का प्रतीक माना जाता है। शुक्र शारीरिक सुखों के भी कारक होते हैं तथा संभोग से लेकर प्रेम तक सब विषयों को जानने के लिए कुंडली में शुक्र की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है। शुक्र का प्रबल प्रभाव जातक को कामातुर बना देता है तथा आम तौर पर ऐसे जातक अपने प्रेम संबंधों को लेकर संवेदनशील होते हैं। शुक्र के जातक सुंदरता और ऐश्वर्यों का भोग करने में शेष सभी प्रकार के जातकों से आगे होते हैं।
शुक्र के प्रभाव का जातक पर असर....