1. मेष राशि: बुध महाराज आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी होकर बारहवें भाव में गोचर करके नीच अवस्था में रहेंगे। ऐसे में आपको किसी भी तरह के एग्रीमेंट पर साइन करने से बचना चाहिए। आपके साथ धोखा हो सकता है। छोटे भाई-बहनों से आपके मतभेद हो सकते हैं। हालांकि मामा के साथ संबंध मजबूत होंगे। सेहत का ध्यान रखना होगा। हालांकि कोर्ट केस में जीत मिल सकती है। लोन लेना चाहते हैं तो मिल सकता है।
2. वृषभ राशि: बुध ग्रह आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी होकर ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप आपको धन से जुड़े मामले में सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए। किसी के कारण फैसला लेने के कारण नुकसान हो सकता है। मान सम्मान में गिरावट आ सकती है। अपनी वाणी पर संयम रखना होगा। नौकरी में सतर्कता से काम लेना होगा। वैवाहिक जीवन में मधुरता बढ़ेगी। संतान सुख मिलेगा।
4. कर्क राशि: आपकी कुंडली में तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी बुध का नौवें भाव में गोचर हो रहा है जो लंबी दूरी की यात्रा से नुकसान हो सकता है। छोटे भाई-बहनों को आपको आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। आपको कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है परंतु सही निर्णय से उसका समाधान हो सकता है।
5. सिंह राशि: आपकी कुंडली के दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध का आठवें भाव में गोचर होगा। इसके चलते आपको अचानक से धन प्राप्ति के योग बन सकते हैं। आपको बगैर सोचे समझे निवेश नहीं करना चाहिए। आपको हर कदम पर परिवार का सहयोग मिलेगा। धन से संबंधित मामलों में फैसले लेते समय सावधान रहना होगा।
6. कन्या राशि: आपकी कुंडली के पहले भाव और दसवें भाव के स्वामी का सातवें भाव में गोचर होगा। ऐसे में यह आपके रिश्तों को बिगाड़ सकता है या साझेदारी के व्यापार में नुकसान करा सकता है। ऐसे में सतर्कता से काम लें और वाणी पर संयम रखें। इस गोचर के दौरान आपको सेहत पर भी विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होगी। हालांकि बुध की लग्न पर दृष्टि के चलते धन से संबंधित समस्याओं का समाधान होगा।
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7. तुला राशि: आपकी कुंडली के नौवें भाव और बारहवें भाव के स्वामी बुध का छठे भाव में गोचर होगा जिसके परिणामस्वरूप नौकरीपेशा को सहकर्मियों के साथ गलतफहमी पैदा होने की संभावना है। इसलिए आपको अपने कार्य, वाणी और व्यवहार को लेकर सावधान रहना होगा। किसी की सलाह से फैसला न लें थोड़ा अपना दिमाग भी लगाएं। आपको फिजूलखर्ची से बचना होगा।
8. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी बुध का पांचवें भाव में गोचर हो रहा है। इसके फलस्वरूप संतान, शिक्षा, परीणा और प्रेम संबंधों में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि धन संबंधी समस्या का समाधान होगा। समाज में मान सम्मान बढ़ेगा। आपके रिश्ते अपने बड़े भाई-बहन और मामा के साथ मधुर बनेंगे।
9. धनु राशि: आपकी कुंडली के सातवें और दसवें भाव के स्वामी का चौथे भाव में गोचर हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप पारिवारिक जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपकी सामाजिक छवि पर असर पड़ सकता है। नौकरीपेशा हैं तो सतर्कता से काम लेना होगा। वैवाहिक जीवन में मतभेद उभर सकते हैं। माता की सेहत का ध्यान रखें। कारोबारी हैं तो लेन देने में सावधानी रखें।
10. मकर राशि: आपकी कुंडली के छठे और नौवें भाव के स्वामी बुध का मीन राशि में गोचर आपके तीसरे भाव में हो रहा है। इसके परिणाम स्वरूप भाई बहनों से आपको सहयोग मिलेगा। हालांकि आपको अपने कार्य और व्यवहार को लेकर सतर्क रहना होगा अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है। किसी भी कागजात पर साइन करते वक्त सतर्क रहें। पिता और पूर्वजों के आशीर्वाद से आपको लाभ होगा।
11. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के पांचवें और आठवें भाव के स्वामी दूसरे भाव में गोचर होगा। आपको बहुत सोच-समझकर अपने बोलना होगा। वाणी पर नियंत्रण रखने से कई तरह की परेशानियों से बच जाओगे। धन संबंधी समस्याओं का जन्म हो सकता है। सोच समझकर खर्चा करें। शोधार्थी को सफलता मिलेगी। विवाहित जातकों को इस दौरान ससुराल पक्ष के लोगों का हर कदम पर साथ मिलेगा।
12. मीन राशि: आपकी कुंडली के चौथे और सातवें भाव के स्वामी बुध का लग्न भाव में गोचर हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप आपके स्वभाव में परिवर्तन होगा। नौकरी में समस्याएं तो आएगी लेकिन यदि टीम भावना रही तो समाधन भी हो जाएगा। बातचीत करते वक्त सही शब्दों का चयन करें। छोटी-मोटी गलती भी आपकी छवि को खराब कर सकती है। बड़े फैसले लेने से बचें। जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत होंगे।