आमतौर पर भारत में 12 राशियों का प्रचलन है, लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार सौरपथ पर स्पष्ट रूप से 14 राशियां होती है जबकि संपूर्ण आकाश मंडल में 88 राशियां हैं। सर्पधर या समुद्री नाग नामक राशियों को जानने से पहले जानना होगा कि राशियां क्या होती हैं।
क्या होती है राशियां?
दरअसल वैज्ञानिकों ने हमारी आकाश गंगा को 88 तारामंडल में बांट रखा है और वेदों ने 27 नक्षत्रों में। तारामंडल अर्थात कुछ या ज्यादा तारों का एक समूह। इन 27 नक्षत्रों को भारतीय ज्योतिष ने 12 राशियों में बांट रखा है। बांटा क्यों? क्योंकि धरती के आकाश मंडल की 360 डिग्री को 12 हिस्सों में बांट कर उनके नाम रख दिए गए जिससे ज्ञात हो सके कि कौन-सा नक्षत्र किस राशि में भ्रमण कर रहा है। हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि 88 तारा मंडलों या नक्षत्रों के समूह में से लगभग 22 समूह को सौर पथ पर विचरण करते हुए देखा जा सकता है।
ज्योतिष अनुसार कैसी बनती किसी की राशि : भारतीय ज्योतिष अनुसार जिस वक्त चंद्र मेष तारा मंडल या राशि में भ्रमण कर रहा है उस काल में यदि किसी का जन्म हुआ है तो उसकी राशि मेष मानी जाएगी। लेकिन पाश्चात्य या सूर्य पद्धति अनुसार जिस माह में जिसका जन्म हुआ है उस माह में जिस राशि का भ्रमण काल है जातक की वही राशि होगी।
ग्रहों का भ्रमण काल : जरूरी नहीं की ग्रह सिर्फ 12 से 13 राशियों में ही भ्रमण करते रहते हैं। कुछ ग्रह सैकड़ों सालों में तो कुछ थोड़े ही सालों में बारह राशियों को छोड़कर 88 में से किसी भी राशि में कुछ काल के लिए भ्रमण करने लगते हैं, तब ऐसे में शुभ और अशुभ विचारों के बारे में क्या सोचना चाहिए यह तय नहीं है।
जैसे मान लो कि गुरु के धनु राशि में प्रवेश करने के बाद ही विवाह आदि शुभ कार्य शुरू होते हैं, लेकिन 2007 में गुरु नासा की एफेमरिज अनुसार सर्पधर राशि में भ्रमण कर रहा था और शुक्र समुद्री नाग राशि में, लेकिन भारतीय ज्योतिषानुसार गुरु धनु राशि में था। अब आप ही बताएं ज्योतिष की माने या वैज्ञानिकों की?
सर्पधर या समुद्री नाग : अंग्रेजी में सर्पधर को ओफियुकस और समुद्री नाग को हाइड्रा कहते हैं। सर्पधर तारामंडल दरअसल वृश्चिक और धनु के बीच माना गया है। इसका मतलब यह हुआ की जिनकी भी राशि वृश्चिक या धनु है उन्हें अब भ्रम में नहीं रहना चाहिए। हो सकता है कि उनकी राशि सर्पधर हो। सूर्य वृश्चिक राशि में 23 से 30 नवंबर तक रहता है इसके बाद यह ओफियुकस में प्रवेश करता है जहां 18 दिसंबर तक रहता है। इसका मतलब यह है कि 30 नवंबर से 18 दिसंबर के बीच जिसका भी जन्म हुआ है उसकी राशि ओफियुकस अर्थात सर्पधर होगी।
दूसरी ओर, हमारे आकाश मंडल में 14वीं राशि का भी अस्तित्व है जिसका नाम है- हाइड्रा या समुद्री नाग। इस राशि में भी सूर्य या अन्य ग्रह कुछ काल के लिए भ्रमण करते हैं। हाइड्रा का मंडल सर्पाकर है जिसमें चमकते हुए 6 तारे शामिल हैं। यह राशि सिंह और कन्या राशि के बीच स्थिति है। जिनका भी जन्म 16 अगस्त से 23 अगस्त के बीच हुआ है उनकी राशि हाइड्रा या हिंदी में लिखें तो 'समुद्री नाग' मानी गई है।
उपरोक्त विवरण सुर्य पद्धति अनुसार है। यदि चौदहवीं राशि का अस्तित्व माना जाता है तो अब राशियां क्रमश: निम्नानुसार होगी-
मेष (Aries), वृष (Taurus), मिथुन (Gemini), कर्क (Cancer), समुद्री नाग (hydra), सिंह (Leo), कन्या (Virgo), तुला (Libra), वृश्चिक (Scorpio), सर्पधर (Ophiuchus), धनु (Sagittarius), मकर (Capricorn), कुंभ (Aquarius), मीन (Pisces)।
हालांकि भारतीय ज्योतिष के विभाजन ज्यादा सही है क्योंकि सर्पधर या समुद्री नाग तारा मंडल इतनी दूर है कि धरती पर उनका प्रभाव नगण्य है।