Surya in Dhanu rashi 2025: सूर्य को ग्रहों का राजा कहा जाता है जोकि संपूर्ण विश्व को अपनी ऊर्जा से प्रकाशित करते हैं। सूर्य का राशि परिवर्तन सामान्य रूप से 30 दिनों में होता है वर्तमान में सूर्य का गोचर वृश्चिक राशि से धनु राशि में हुआ है सूर्य का धनु राशि में गोचर 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा। इसी के साथ 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। सूर्य देव के धनु राशि में गोचर का प्रभाव देश दुनिया तथा संपूर्ण 12 राशियों पर दिखाई देगा। सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश से मलमास का प्रारंभ हो गया है जोकि मकर संक्रांति तक चलेगा, मलमास में मांगलिक कार्यों पर विराम लगेगा, मांगलिक कार्यों का शुभारंभ पुनः14 जनवरी बाद होगा, सूर्य के राशि परिवर्तन का 12 राशियों पर शुभ-अशुभ प्रभाव इस प्रकार है:-
वृषभ राशि: वृषभ राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर अष्टम भाव में रहेगा, अष्टम भाव में सूर्य के रहने से जातक के आत्मविश्वास में कमी आएगी तथा इस राशि के जातकों का स्वास्थ्य भी प्रतिकूल रहेगा।
मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर सप्तम भाव में रहेगा, सप्तम भाव में सूर्य के रहने से जातक के अपने जीवनसाथी से विचार नहीं मिलेंगे तथा जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता बनी रहेगी।
कर्क राशि: कर्क राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर छठे भाव में रहेगा इसके प्रभाव से जातक के मान सम्मान प्रतिष्ठा में कमी आएगी।
सिंह राशि: सिंह राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर पंचम भाव में रहेगा, सूर्य के पंचम भाव में रहने से जातक का पराक्रम बढ़ेगा तथा यश में वृद्धि होगी।
तुला राशि: तुला राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर तृतीय भाव में रहेगा, सूर्य के प्रभाव से जातक का पराक्रम बढ़ेगा तथा धार्मिक कार्यों में रुचि रहेगी।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर द्तीय भाव में रहेगा, इस वजह से जातक के विचार परिवार के लोगों से कम मिलेंगे तथा आर्थिक स्थिति में भी परेशानी हो सकती है।
धनु राशि: धनु राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर लग्न भाव में रहेगा, जिससे जातक के मान सम्मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी तथा जातक को यश प्राप्ति होगी।
मकर राशि: मकर राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर द्वादश भाव में रहेगा, जिससे जातक के पिता का स्वास्थ्य खराब हो सकता है तथा जातक को स्वास्थ्य की परेशानी हो सकती है।
मीन राशि: मीन राशि वालों के लिए सूर्य का गोचर दशम भाव में रहेगा, जिससे जातक के पिता का स्वास्थ्य खराब रहेगा तथा कार्य क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा होगी।