नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद वाहन कंपनियों को काफी चुनौतीपूर्ण स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और इसका असर उनकी बिक्री पर भी दिख रहा है। दिसंबर में प्रमुख वाहन कंपनियों हुंदै मोटर इंडिया, महिंद्रा एंड महिंद्रा तथा फोर्ड इंडिया की बिक्री में गिरावट दर्ज हुई। हालांकि इस दौरान टाटा मोटर्स, रेनो, निसान तथा फॉक्सवैगन की भारतीय बाजार में बिक्री में इजाफा भी हुआ।
देश की दूसरी प्रमुख कार कंपनी हुंदै मोटर की दिसंबर में घरेलू बाजार में बिक्री 4.3 प्रतिशत घटकर 40,057 इकाई रही, जो एक साल पहले समान महीने में 41,861 इकाई रही थी। कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (बिक्री एवं विपणन) राकेश श्रीवास्तव ने कहा कि नोटबंदी से ग्राहकों की धारणा प्रभावित हुई। नोटबंदी के तुरंत बाद शोरूमों में ग्राहकों की आवाजाही 40 प्रतिशत तक घट गई, जबकि खुदरा बिक्री में 24 से 25 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि दिसंबर में खुदरा बिक्री में कुछ इजाफा हुआ।
समीक्षाधीन महीने में महिंद्रा एंड महिंद्रा की घरेलू बाजार में बिक्री 1.5 प्रतिशत घटकर 34,310 इकाई रह गई, जो दिसंबर, 2015 में 34,839 इकाई रही थी। इसी तरह फोर्ड इंडिया की घरेलू बाजार में बिक्री 6.04 प्रतिशत घटकर 5,566 वाहन रही है जो पिछले साल इसी अवधि में 5,924 वाहन थी।
हिन्दुजा समूह की प्रमुख कंपनी अशोक लेलैंड की दिसंबर में कुल बिक्री 12 प्रतिशत घटकर 10,731 वाहन रह गई। पिछले साल कंपनी की बिक्री इसी माह में 12,154 वाहन थी। देश की प्रमुख वाहन कंपनी के बिक्री आंकड़े कल आए थे। दिसंबर में मारुति की घरेलू बाजार में बिक्री 4.4 प्रतिशत घटकर 1,06,414 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 1,11,333 इकाई थी।
हालांकि, नोटबंदी के बावजूद दिसंबर में कुछ वाहन कंपनियों की बिक्री में बढ़ोतरी दर्ज हुई। टाटा मोटर्स की घरेलू बाजार में यात्री वाहन बिक्री 35 प्रतिशत बढ़कर 10,827 वाहन रही, जो दिसंबर, 2015 में 8,069 इकाई रही थी। (भाषा)