नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया को उसके मानेसर संयंत्र में श्रमिक असंतोष का खामियाजा मुनाफे में भारी गिरावट के रूप में भुगतना पड़ा है। ऊंची ब्याज दर और पेट्रोल के बढ़ते दाम से वाहनों की मांग भी कुछ सुस्त पड़ी है।
चालू वित्त वर्ष की 30 सितंबर को समाप्त दूसरी तिमाही में कंपनी के शुद्ध लाभ में 59.81 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई। इस दौरान कंपनी को 240.44 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में अर्जित लाभ से करीब 60 प्रतिशत कम रहा। बीते वित्त वर्ष इसी तिमाही में उसे 598.24 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ हुआ था।
इस बीच, कंपनी के निदेशक मंडल ने गुजरात में नया कारखाना लगाने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय भी 14.38 प्रतिशत घटकर 7,831.62 करोड़ रुपए रह गई जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 9,147.27 करोड़ रुपए रही थी।
बीती तिमाही में कंपनी के वाहनों की बिक्री 19.56 प्रतिशत घटकर 2,52,307 वाहनों की रही, जबकि बीते वित्त वर्ष इसी अवधि में कंपनी ने 3,13,654 वाहनों की बिक्री की थी।
मारुति सुजुकी ने कहा कि उसके मानेसर संयंत्र में श्रमिकों की हड़ताल के चलते समीक्षाधीन तिमाही में 28,539 वाहनों के उत्पादन का नुकसान हुआ। वहीं, विदेशी मुद्रा की विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव के चलते भी उसका लाभ प्रभावित हुआ। कंपनी ने कहा कि पेट्रोल के दाम बढ़ने और ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते घरेलू वाहन बाजार में मांग भी कुछ सुस्त रही।
मारुति सुजुकी ने अपना तीसरा कारखाना गुजरात में लगाने का निर्णय किया है जो हरियाणा के बाहर उसका पहला कारखाना होगा। निदेशक मंडल ने गुजरात के मेहसाणा में जमीन खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। (भाषा)