लक्जरी कारों के लिए वेटिंग
स्विफ्ट, इटियोस, मर्सिडीज-सी, ऑडी८-ए के लिए ४ माह का वेटिंग
मारूति स्विफ्ट या टोयोटा इटियोस जैसे लोकप्रिय मॉडल इकलौती गाड़ियाँ नहीं, जो लंबी डिलीवरी अवधि के साथ ग्राहकों को बेचैन किए हुए हैं, बल्कि पॉर्श, बीएमडब्ल्यू एक्स1, ऑडी८-ए, मर्सिडीज-सी, ई और एस500 जैसी लक्जरी कारें भी भारतीय ग्राहकों तक पहुँचने में इन दिनों 4 महीने का वेटिंग चल रहा है।
जिन ग्राहकों ने 2011 में लकजरी गाड़ियाँ बुक कराई हैं, उन्हें डिलीवरी के लिए कम से कम से 3 से 4 महीने इंतजार करना होगा, क्योंकि ग्राहकों के उत्साह की वजह से बाजार में माँग, आपूर्ति से तेज रफ्तार दिखा रही है। मैन्युफैक्चरर रिकॉर्डतोड़ माँग पूरी करने के लिए क्षमता में इजाफा कर रहे हैं। ग्राहकों को आम तौर पर ऑर्डर देने के 4 से 6 सप्ताह में ये गाड़ियाँ मिल जाया करती थीं, लेकिन इन दिनों हालात दूसरे हैं।
उत्पादन कम, माँग अधिक
मर्सिडीज बेंज इंडिया के डायरेक्टर-सेल्स एंड मार्केटिंग देबाशीष मित्रा के मुताबिक 'लक्जरी कार निर्माता माँग पूरी करने के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन माँग बार-बार आपूर्ति को पीछे छोड़ रही है। वर्ष 2010 में उद्योगों ने 30-40 फीसद ग्रोथ दर्ज की, जबकि प्रीमियम कार सेल्स 70 फीसद बढ़कर 15000 यूनिट पर पहुँच गई। वैश्विक स्तर पर भी ऑडी, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी लक्जरी कार निर्माताओं के कारखाने पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं ताकि अभूतपूर्व माँग पूरी करने के लिए रफ्तार पकड़ी जा सके।
प्रोसेसिंग में लंबा वक्त
वेटिंग पीरियड की औसत अवधि ४ से ६ महीने तक पहुँचने के बाद प्रीमियम कार निर्माता मान रहे हैं कि ग्राहकों को प्रतिस्पर्धी कंपनियों की ओर मुड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। लग्जरी कार निर्माताओं का कहना है कि भारत में अभी वॉल्यूम कम है और ज्यादातर मॉडल सीकेडी (कंप्लीटली नॉक्ड डाउन) प्रक्रिया से तैयार होते हैं। ऐसे में प्रतिक्रिया का वक्त लंबा हो जाता है।
खास ब्रांड की सीमित आपूर्ति
मित्रा का कहना है कि ऑर्डर से डिलीवरी तक 2-6 महीने का वक्त लग जाता है। इसके अलावा कतार लगने की एक वजह यह भी है कि इन खास ब्रांड की सीमित आपूर्ति होती है। वजह यह है कि ये मॉडल काफी हद तक कस्टमाइज कराए जाते हैं और डिलीवरी की मियाद बढ़ जाती है। स्पोर्ट्स कार निर्माता पॉर्श का कहना है कि उसकी गाड़ियों में ग्राहकों की माँग के हिसाब से बदलाव किए जाते हैं, जिससे दूसरे लक्जरी ब्रांड की तुलना में डिलीवरी में वह ज्यादा वक्त लेती है।
डीजल कारों की माँग बढ़ी
पॉर्श इंडिया के निदेशक आशीष चोर्डिया ने कहा कि विशेष रंग, तालमेल बैठाने वाले पेंटेड इंटीरियर जैसे खास विकल्पों की वजह से पॉर्श की डिलीवरी अवधि बढ़ जाती है। साथ ही पेट्रोल के दाम बढ़ने के कारण डीजल गाड़ियों की माँग बढ़ रही है, जिससे इनके लिए वेटिंग पीरियड और बढ़ गया है।
मर्सिडीज की बात करें, तो डीजल-सी क्लास 250 सीडीआई और ई-क्लास 250 सीडीआई के लिए ग्राहकों को एक महीने से ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। जर्मन कार कंपनी का एस500 मॉडल सबसे ज्यादा बिकता है और इसके लिए आपको 2 महीने का इंतजार करना होगा। इसी निर्माता की एसयूवी आज बुक कराने पर आपको छः से आठ महीने बाद ही मिल पाएगी।