स्कूटरों की बिक्री ने पकड़ी रफ्तार
सात माह में हुआ 52 फीसद इजाफा
हमारा बजाज का बेशक सूर्यास्त हो चुका है, पर यह कहना सही नहीं होगा कि स्कूटरों का बाजार भी ठंडा पड़ चुका है। चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में तमाम धारणाओं को झुठलाते हुए स्कूटरों की बिक्री में 52 प्रतिशत का जोरदार इजाफा दर्ज किया गया है।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के आँकड़ों के अनुसार, अप्रैल-अक्टूबर के दौरान देश में स्कूटरों की बिक्री 11,63,127 इकाइयों की रही है, जो पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि में 7,64,643 स्कूटरों की थी।
भारतीय स्कूटर बाजार के फिर से गरमाने की कई वजह हैं। अब स्कूटरों को नए सिरे से पेश किया जा रहा है, ग्राहकों के नए वर्ग को लक्ष्य किया जा रहा है और होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया जैसी कंपनी की अगुवाई में कई नई कंपनियाँ आ रही हैं। इससे स्कूटर बाजार को एक नया जीवन मिला है।
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा कि किसी समय लोगों ने स्कूटर को भुला दिया था और बीते समय की चीज मान ली थी। पर अब एक बार फिर से स्कूटरों ने अपनी स्थिति मजबूत की है। विभिन्न वर्ग के उपभोक्ताओं को लक्ष्य कर अब स्कूटर काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
अकेले अक्तूबर माह में ही स्कूटरों की बिक्री में 104.27 फीसद का इजाफा हुआ है। माह के दौरान 1,88,633 स्कूटर बिके, जबकि पिछले साल इसी माह में स्कूटर बिक्री 92,346 इकाई रही थी।
माथुर ने कहा कि शहरी इलाकों में खासकर महिलाओं और युवाओं की माँग से स्कूटर बाजार को तेजी मिली है। 2009-10 में देश में स्कूटरों की बिक्री 14,62,507 इकाई की रही थी, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 11,48,007 इकाई रही थी। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में स्कूटर बिक्री में 27.40 फीसद का इजाफा हुआ था।
स्कूटर बाजार की शीर्ष कंपनी एचएमएसआई ने चालू वित्त वर्ष के पहले सात माह में 5,20,466 स्कूटर बेचे हैं, जो पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि से 35.41 फीसद ज्यादा है।
सियाम के अनुसार, स्कूटर बाजार में एचएमएसआई की बाजार हिस्सेदारी 44.75 प्रतिशत की है। एचएमएसआई के परिचालन प्रमुख (बिक्री एवं विपणन) एन के रतन ने कहा कि इसके उपयोग की वजह से स्कूटरों की माँग हमेशा से थी। पर सवाल सही उत्पाद लाने का है। जब स्कूटर बाजार नीचे था, तो बाजार के प्रमुख खिलाड़ी को उसे उबारने के लिए काम करना था।
दिसंबर, 2009 में बजाज ऑटो ने कहा था कि वह स्कूटरों का उत्पादन बंद करेगी, क्योंकि अब यह फायदे का सौदा नहीं रह गया है। मोटरसाइकिलें दोपहिया बाजार पर छा रही हैं। लेकिन एचएमएसआई और अन्य कंपनियों ने अब यह साबित कर दिया है कि बजाज ऑटो का यह फैसला गलत था। (भाषा)