Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

5 करोड़ की 'मेबैक' भारत में भी

मर्सिडीज ने मेबैक कार फिर पेश की

हमें फॉलो करें 5 करोड़ की 'मेबैक' भारत में भी
मर्सिडीज कार बनाने वाली डेमलर बेंज ने कंपनी की स्थापना की 125वीं वर्षगाँठ के अवसर पर भारत में मर्सिडीज की लोकप्रियता को देखते हुए एक बार फिर भारतीय कार बाजार में अपनी एलीट कार 'मेबैक' पेश की है। इस बार कंपनी ने इसका हैचबैक संस्करण भी भारत में उतारा है। पाँच करोड़ रुपए से अधिक कीमत की इस शानदार कार के खरीददारों का एक अलग ही वर्ग है। पूरी दुनिया के धनकुबेरों का स्टेटस सिंबल मानी जाने वाली इस कीमती कार में ऐशो-आराम की सभी सुविधाएँ दी गई हैं।
PR
PR

मेबैक 57एस की इंजन क्षमता 5980 सीसी है और यह अधिकतम 275 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकती है, जबकि मेबैक 62 का इंजन 5513 सीसी का है और यह अधिकतम गति 250 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है। इसका निर्माण जर्मनी में ही होगा और भारतीय सड़कों पर इसे उतारने के लिए मामूली से बदलाव भी किए जा सकते हैं।

पर क्या इतनी महँगी कार भारत में अपनी जगह बना पाएगी?
इस सवाल पर मर्सिडीज बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर का कहना है कि उनके ग्राहक वर्ग के पास निजी विमान होते हैं। पीटर का कहना है कि भारत में कई ऐसे ग्राहक हैं, जो इस कार का लुत्फ उठा सकते हैं। गौरतलब है कि भारत में इस वक्त 69 अरबपति हैं, जिनमें से कई तो इसी साल इस सूची में आए हैं। कंपनी के मुताबिक बीते साल पूरी दुनिया में 200 मेबैक कारें बेची हैं।
webdunia
PR

पीटर फिलहाल भारत में कोई टारगेट नहीं रखना चाहते हैं लेकिन यह बताने से नहीं चूकते कि चीन में पिछले साल 20 मेबैक कारें बेची गई हैं। उल्लेखनीय है कि भारत में इसके पहले 2004 में इस कार को लाया गया था जिसे मुकेश अंबानी ने भी खरीदा था। लेकिन पीटर का कहना है कि इस कार को भारत में लाने का वह सही समय नहीं था।

दिल्ली में इसकी कीमत 5.10 करोड़ रुपए है। कंपनी ने यह कार 57एस और 62 दो प्रकार के मॉडलों में उतारी है। इनकी कीमत क्रमशः 4.85 करोड़ और 5.10 करोड़ रुपए है।

जर्मनअनवजमाअशरबतातहैि मेबैक की शुरुआत 1909 में हुई थी। शुरू में मेबैक नौसेना और रेल के लिए भी इंजन बनाती थी। लक्जरी कारें बनाने के लिए विख्यात इस कंपनी की पहली लक्जरी कार 1919 में बाजार में आई और इसके बाद 1940 तक तो इसने पूरे यूरोप में धूम मचा दी थी। इसके बाद से ही यह कार रईसों की शान मानी जाती है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद 1960 में मर्सिडीज कार कंपनी ने मेबैक को खरीद लिया पर इसकी प्रचलित ब्रांड इमेज को देखते हुए इसका नाम नहीं बदला गया और 1997 में मेबैक को एक बार फिर दुनिया के सामने लाया गया।
webdunia
PR

पूरी तरह से कस्टमाइज होने के कारण इस कार के खरीददार को मोटी रकम खर्च करने के बाद भी तकरीबन 4 महीने तक इंतजार करना पड़ता है। अत्याधुनिक सुरक्षा एवं लक्जरी के मामले में मेबैक ब्रांड लक्जरी कारों की श्रेणी में अव्वल है। मर्सिडीज की खूबियों के साथ इन कारों ने दुनियाभर में ऑटोमोटिव उत्कृष्टता की कुछ सर्वश्रेष्ठ मिसाल पेश की हैं। (वेबदुनिया डेस्क)

(चित्र सौजन्य- मेबैक की वेबसाइट से)


हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi