Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ हुआ अयोध्या का रूपांतरण
अयोध्या में एक नए अध्याय की शुरुआत
- अयोध्या में बना शानदार नया हवाई अड्डा
-
विकास के साथ-साथ विरासत को भी सहेजा
-
कई ढांचागत परियोजनाएं शुरू
Ram Mandir Ayodhya: इन दिनों अयोध्या (Ayodhya) में जगह-जगह लगे सुरक्षा अवरोध, कंटीले तार और पुलिस कर्मियों द्वारा की जा रही सघन तलाशी भले ही अब एक आम-सा दृश्य बन गया हो किंतु यहां भव्य राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण के साथ-साथ आधारभूत ढांचे के विकास ने इस तीर्थनगरी का मानो रूपांतरण कर दिया है। विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर वर्ष 2019 में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद यहां विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ। उससे पहले तक आधारभूत सुविधाओं के मामले में यह राज्य के बहुत साधारण-सा नगर हुआ करता था
राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही अयोध्या में एक नया अध्याय : सोमवार को राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही अयोध्या और देश के इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जाएगा। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और 7 हजार से अधिक गणमान्य अतिथि शामिल हुए। 'प्राण-प्रतिष्ठा' से पहले अयोध्या को 'भव्य, दिव्य और नव्य अयोध्या' में बदलने के लिए कई ढांचागत परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
अयोध्या में बना शानदार नया हवाई अड्डा : अयोध्या में बना शानदार नया हवाई अड्डा, पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन, राम पथ और धर्म पथ जैसी 2 चौड़ी सड़कें, बहुस्तरीय कार पार्किंग सुविधाएं, ई-बसें, बहुभाषी पर्यटक ऐप और नए व बेहतर सुविधाओं वाले होटलों ने इस शहर की तस्वीर को बदलकर रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की 'विकास भी, विरासत भी' पहल के अनुरूप इन बदलावों ने प्राचीन नगरी में विकास के साथ-साथ विरासत को भी बनाए रखा है।
हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन दोनों ही आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और इन पर नवनिर्मित राम मंदिर के वास्तुशिल्प की आकृतियां लोगों को आकर्षित करती हैं। राम मंदिर में राजस्थान से मंगाए गए बलुआ पत्थरों का उपयोग किया गया है।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में ई-बसों के बेड़े को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा था कि अयोध्या 'नव निर्माण' के दौर से गुजर रहा है और यहां चीजें बदल रही हैं। हमें वैश्विक स्तर पर अयोध्या को एक नई पहचान देनी है।
भक्तों को इस मंदिर तक पहुंचने की सुविधा के लिए सरकार ने 4 सड़कों का पुनर्विकास किया है जिसमें शहादतगंज से नया घाट चौराहा तक 13 किलोमीटर लंबा राम पथ भी शामिल है। राम पथ के निर्माण के लिए बड़ी संख्या में दुकानों, घरों और अन्य इमारतों को आंशिक रूप से ध्वस्त किया गया। राम पथ के दोनों तरफ एक समान मकान, पारंपरिक 'रामानंदी तिलक' डिजाइन वाले सजावटी लैंप पोस्ट, धर्म पथ और लता मंगेशकर चौक के अलावा 40 सूर्य स्तंभ इस शहर में नया पर्यटक आकर्षण बन गया है।
पहले बहुत कम लोग ही 1-2 दिन के लिए रुकते थे : अशर्फी भवन के पास होटल श्रीराम भवन चलाने वाले अनूप कुमार का कहना है कि पहले लोग अयोध्या आते थे लेकिन बहुत कम लोग ही 1-2 दिन के लिए रुकते थे और लंबे समय की बात तो छोड़ ही दें। उन्होंने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पहले लोग राम जन्मभूमि, हनुमानगढ़ी मंदिर, कनक भवन, अशर्फी भवन आते थे और उसी दिन वापस चले जाते थे। अब पर्यटक राम की पैड़ी, सूर्य कुंड और अन्य मंदिरों जैसे अन्य स्थानों को देखने के लिए 1 दिन या उससे भी अधिक समय तक रुकना चाहते हैं।
फरवरी 2023 में होटल का निर्माण करने वाले कुमार ने कहा कि 2019 के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद शहर में बड़ी संख्या में नए होटल, लॉज और होम स्टे बने हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद ने शहर के विकास को रोक दिया था। लेकिन मंदिर के निर्माण ने क्षेत्र की तस्वीर को बदलने का काम किया है जिसके परिणामस्वरूप अयोध्या की विकास गाथा को बढ़ावा मिला है।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta