नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर छपे लेख पर भारतीय जनता पार्टी की आलोचना के बाद ‘नेशनल हेराल्ड’ ने लेख वापस लेते हुए माफी मांगी है।
अखबार ने रविवार को ट्वीट कर माफी मांगी और कहा कि लेख से यदि किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाएं आहत हुई है तो उसके लिए हम माफी मांगते हैं। लेख में लेखक ने निजी विचार व्यक्त किए हैं और हमारा उन विचारों से कोई संबंध नहीं है।
भाजपा ने नेशनल हेराल्ड में आए इस लेख को निंदनीय और निराशाजनक बताया है और कहा है कि इसमें पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट और भारत के सुप्रीम कोर्ट के बीच समानता की बात कही गई है।
लेख का शीर्षक है ‘अयोध्या फैसले से हमें पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की याद क्यों आती है।’ भाजपा ने पूछा कि क्या इस लेख के जरिये कांग्रेस कहना चाहती है कि न्यायालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के अनुकूल फैसला दिया है। भाजपा ने कहा कि भारत की न्यायिक प्रणाली जैसा पारदर्शी और लोकतांत्रिक न्याय तंत्र दुनिया में कहीं नहीं है।
इस बीच राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नेशनल हेराल्ड के संपादकीय मंडल ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ कांग्रेस की सरकार के गठबंधन की संभावनाओं को देखते हुए यह लेख वापस लिया है। अटकलें लगाई जा रही है कि भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए कांग्रेस वहां शिवसेना के साथ समझौता कर सकती है।