अयोध्या। राम जन्मभूमि की जमीन पर मालिकाना हक के विवाद में मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश पर मिली पांच एकड़ जमीन पर बाबर के नाम से कोई निर्माण नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने बुधवार को कहा कि बाबर का इस देश से कोई भी संबंध नहीं है, लिहाजा उसके नाम से कोई भी निर्माण नहीं कराया जाना चाहिए। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए मिली पांच एकड़ भूमि पर बनने वाले अस्पताल या स्कूल का नाम भारतीय मुस्लिम महापुरुषों के नाम से हो तो ज्यादा अच्छा है। यहां होने वाले निर्माण का नामकरण एपीजे अब्दुल कलाम आजाद, अशफाक उल्ला खां, वीर अब्दुल हमीद के नाम से होना चाहिए, जिन्होंने देश के लिए कुर्बानी दी। हिंदुस्तान का गौरव इन लोगों से ही है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर राज्य सरकार ने अयोध्या में सोहावल के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दी है, जिसका कब्जा पिछले सोमवार को दे दिया गया। कृषि विभाग की इस जमीन पर मेड़ बनाने का काम भी मंगलवार से शुरू हो गया है। वक्फ बोर्ड को जमीन के कागजात पिछले दो अगस्त को ही सौंप दिए गए थे। बोर्ड की यहां मस्जिद, अस्पताल और अन्य निर्माण करने की योजना है।
राम जन्मभूमि की जमीन के मालिकाना हक का मुकदमा इकबाल अंसारी के पिता हामिद अंसारी लड़ रहे थे। उनके निधन के बाद इकबाल अंसारी मुकदमे में पैरवी करते थे। पिछली 5 अगस्त को मंदिर के भूमि पूजन में इकबाल अंसारी को भी न्योता दिया गया था। (वार्ता)