बाबा आमटे महात्मा गाँधी के आदर्शों और सिद्धांत से काफी प्रभावित रहे हैं। बाबा आमटे ने एक साक्षात्कार में कहा था- 'मैंने भी बंदूक उठाई थी, लेकिन जल्द ही राजगुरु का साथ छोड़कर गाँधीजी से मिलने गया तो मुझे गाँधीजी ने ता़ड़ के पेड़ से रस निकालने की विधि सिखाई। मैं हैरान था, मैंने गाँधीजी से कहा- जिस हाथ में बंदूक थी उसमें आप ता़ड़ी दे रहे हैं, यह मुझे कैसे भा सकती है?
गाँधीजी ने कहा- मैं तुम्हें शुगरकैन का हैंडपंप दे रहा हूँ, इसे हर गाँव में हर घर में लगा दो। यही भारत को बदल देगा। बाबा ने अपना काफी समय गाँधीजी के सेवाग्राम आश्रम में गुजारा। बाबा का आदर्श वाक्य था- 'दान नष्ट करता है और कार्य मानव को बनाता है।'