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इंडोनेशिया में नंगे क्यों रहते हैं ये लोग?

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, सोमवार, 23 अक्टूबर 2017 (11:22 IST)
इंडोनेशिया में एक समुदाय है जिसमें शामिल लोग वहां के कानून को ठेंगा दिखाते हुए पूरी तरह नग्न रहते हैं। इंडोनेशिया में सार्वजनिक रूप से नग्न रहने पर सख्त मनाही है। बीबीसी इंडोनेशिया की संवाददाता क्लारा रोंडोनुवु ने इस समुदाय के कुछ लोगों से मुलाक़ात की और उनकी जीवनशैली को समझने की कोशिश की।
 
इस समुदाय में रहने वाले आदित्य के शरीर पर एक धागा तक नहीं है। जब वे खाना बनाने के लिए फ्राइंग पैन पर तेल डालते हैं तो उसकी कुछ बूंदे आदित्य के खुले पेट पर गिरती हैं। वो कहते हैं, "मुझे नग्न रहकर कुछ भी काम करने में बहुत आराम महसूस होता है इससे मैं खुश भी रहता हूं।"
 
आदित्य जानते हैं कि इस तरह नग्न रहना देश के क़ानून के ख़िलाफ़ है इसलिए वो अपना पूरा नाम नहीं बताना चाहते। इंडोनेशिया में एंटी-पोर्नोग्राफी क़ानून है, जिसके तहत सार्वजनिक जगहों पर नग्न होना ग़ैरक़ानूनी है। आदित्य अपने जैसे-ही नग्न रहने वाले चार और साथियों से निजी मुलाक़ात करते हैं। वो कहते हैं, "हम ऐसे इसलिए मिलते हैं क्योंकि अगर हम सार्वजनिक रूप से नग्न होकर मिलें तो हमें जेल में डाल दिया जाएगा।"
 
एक-दूसरे के बेहद करीब
आदित्य पिछले 10 साल से इसी तरह रह रहे हैं। जब भी उनके पास समय होता है वो नग्न रहना पसंद करते हैं। अपने नग्न रहने के फ़ैसले पर वो कहते हैं, "मैं इंटरनेट पर कुछ लेख पढ़ रहा था जिसमें नग्नता के संबंध में बातें लिखी हुई थीं। मुझे वह लेख बेहद शानदार लगे और मैंने भी इसी तरह रहना शुरू कर दिया। मुझे लगा कि जीवन की यही राह है जिसकी मैं तलाश कर रहा था।"
 
इसके बाद आदित्य ने नग्न रहने वाले कुछ और लोगों से संपर्क किया। ये समूह छोटा जरूर है, लेकिन ये सभी एक-दूसरे के बेहद करीब हैं। जकार्ता के नेचुरिस्ट समूह में लगभग 10 से 15 लोग शामिल हैं, जिसमें पुरुष व महिला दोनों हैं। आदित्य मानते हैं कि नग्न रहने से दूसरों के साथ उनके संबंध ज़्यादा मजबूत होते हैं।
 
उनका मानना है, "आप जैसे हैं वैसे ही दिखते हैं। कोई आपके शरीर का मज़ाक नहीं बनाता, चाहे आप मोटे हों या पतले हों। आपके लिंग या ब्रेस्ट के आकार या जन्म से मिले निशानों को लेकर कोई मज़ाक नहीं करता।" उनका सपना है कि वे किसी दिन फ्रांस जैसे देशों की यात्रा कर सकें जहां नग्न रहने पर कोई पाबंदी नहीं है।
 
इंडोनेशिया में नग्नता पर सख़्त कानून होने के बावजूद ये लोग समय-समय पर किसी जगह छुट्टियां मनाने भी जाते हैं। आदित्य बताते हैं कि हाल में वो लोग एक पर्वतीय इलाके में गए थे। वो कहते हैं, "पहुंचने के कुछ ही मिनटों के भीतर हमने अपने कपड़े उतार दिए।" वो बताते हैं कि वहां दिन भर हम गप्पें लड़ाते हैं, राजनीति से लेकर दूसरे कामों पर चर्चा करते हैं।
 
सोशल मीडिया पर नग्न जीवनशैली की पोस्ट
आदित्य अपने साथियों के साथ खुलेआम भले ही नग्न होकर न मिलते हों, लेकिन वो अपनी जीवनशैली के बारे में न्यूडिस्ट वेबसाइटों पर खुलकर लिखते हैं। उन्होंने इंस्टाग्राम पर अलग अकाउंट बनाया था, जिसमें वे नग्नता से जुड़ी अपनी तस्वीरें पोस्ट करते थे। एक तस्वीर में तो वो चर्च के भीतर पूरी तरह नग्न होकर खड़े थे। बाद में उन्होंने वह अकाउंट डिलीट कर दिया क्योंकि उन्हें एंटी-पोर्नोग्राफी क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया जा सकता है।
 
वो बताते हैं, "मेरे साथियों ने कहा कि मैं बहुत ज्यादा ही लापरवाह हूं जो इंटरनेट पर तस्वीरें पोस्ट करता हूं।" लेकिन आदित्य का मानना है कि उनकी जीवनशैली से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए इस तरह के पोस्ट जरूरी हैं। आदित्य कहते हैं, "आमतौर पर लोग नग्नता को सेक्स से जोड़कर देखते हैं, जबकि हक़ीक़त में ऐसा कुछ भी नहीं हैं।"
 
उच्च वर्ग में नग्नता सहज
बोर्नेओ में रहने वाले एक अन्य नेचुरिस्ट ने अपनी पहचान छिपाते हुए बताया कि इंडोनेशिया में नग्न जीवनशैली अपनाना एक मुश्किल फ़ैसला है। वो फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों की तरफ देखते हैं तो उन्हें जलन होती है, क्योंकि वहां नग्नता को सहजता से स्वीकार किया जाता है।
 
इंडोनेशिया में उनकी पसंदीदा जगह बाली है जहां नग्नता को लेकर थोड़ी कम सख्ती है। लेकिन वो मानते हैं कि यहां रिज़ॉर्ट "विदेशियों को सेवाएं" देते हैं। वो याद करते हैं कि 40 साल पहले तक बाली जैसी जगहों पर नग्नता एक सामान्य-सी बात थी। बाली में ऐसे सार्वजनिक बीच नहीं हैं जहां नग्न हो कर रहा जा सके। हालांकि पत्थरों के घिरे कुछ समुद्रतटीय इलाके हैं जिन्हे न्यूडिस्ट पसंद करते हैं।
 
बाली में एक रिसोर्ट के मैनेजर बताते हैं कि उनके दो रिज़ॉर्ट हैं जिनके बारे में वो कहते हैं कि 'यहां कपड़े पहनना ज़रूरी नहीं' और लेकिन सेमिन्याक पर्यटक स्थल में ऐसे कई और रिज़ॉर्ट हैं। वो कहते हैं, "ज़्यादातर होटल नग्नता को स्वीकार नहीं करते लेकिन कई विदेशी पर्यटक यहां नग्न हो जाते हैं।" वो कहते हैं, "उच्च वर्ग के लोगों में नग्नता ज़्यादा आम है।"
 
आदित्य चाहते हैं कि समाज उन्हें और उनके साथियों को भी आम इंसानों की ही तरह सामान्य समझें। वो कहते हैं, "ज्यादातर लोग कुछ अलग देखकर आक्रामक हो जाते हैं, जैसे कि ट्रांसजेंडर लोगों के साथ ग़लत व्यवहार किया जाता है।" वो कहते हैं, "कई हमें जावनर भी कह देते हैं। हम वही हैं जो हम असल में हैं, इसमें कुछ बुरा नहीं है। हमने किसी को नुक़सान नहीं पहुंचाया।"
 
कई बार उन्हें लगता है कि सोशल मीडिया के ज़रिए समाज में फैली गलतफहमियों को दूर करें, लेकिन फिर उन्हें लगता है कि इंटरनेट ट्रोल्स के साथ वो कब तक लड़ेंगे।

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