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ई-शर्ट के विकास की संभावना बढ़ी

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BBC
वैज्ञानिकों ने सामान्य कपड़े को बैटरी के रूप में बदलने में सफलता हासिल की है। पोशाक को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के रूप में बदलने की दिशा में ये एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। कपड़ों को बैटरी में बदलने के प्रयोग की रिपोर्ट विज्ञान पत्रिका 'नैनो लेटर्स' में प्रकाशित हुई है।

अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बैटरी में बदलने के लिए कपड़े को कार्बन के नैनोट्यूब या अतिसूक्ष्म कार्बन ट्यूब के इंक में डाय किया। धोने, मोड़ने-लपेटने या इस्तरी करने के बाद भी इस तरह विकसित कपड़े के इलेक्ट्रॉनिक गुण बने रहे।

इस प्रयोग से जुड़े वैज्ञानिकों का कहना है कि सूती और पॉलिस्टर दोनों तरह के कपड़ों में इस विधि से इलेक्ट्रॉनिक सर्किट डालना संभव हो सकेगा, यानि बहुत कम लागत में किसी टी-शर्ट को ई-शर्ट में बदला जा सकेगा।

उल्लेखनीय है कि अभी तक यही माना जाता था कि फैलने और सिकुड़ने के कपड़े के गुणों के कारण उन्हें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट का रूप देना आसान नहीं होगा।

लो-टेक और हाई-टेक का मिलन : स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों की इसी टीम को पिछले साल कागज को बैटरी के रूप में बदलने में सफलता मिली थी। उस प्रयोग में भी कार्बन के नैनोट्यूब से बने इंक का उपयोग किया गया था।

इन प्रयोगों से जुड़े वैज्ञानिक प्रोफेसर यइ कुइ ने बीबीसी को बताया, 'कपड़े और कागज उन दो तकनीकों के उदाहरण हैं जिनका हजार साल पुराना इतिहास है। हमने इन पारंपरिक लो-टेक उत्पादों से हाई-टेक मानी जाने वाली नैनोटेक्नोलॉजी को मिला कर बिल्कुल नई चीज बनाई है। हमारी कोशिश सामान्य और कम खर्च वाले तरीके से उपयोगी उत्पादों के निर्माण की है।'

प्रोफेसर कुइ की टीम को विश्वास है कि नैनो-इंक में अन्य इलेक्ट्रॉनिक चीजें मिला कर भविष्य में पहने जाने लायक सौर पट्टियाँ भी बनाई जा सकेंगी।

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