बाजार में नित नए कंप्यूटर आते हैं, लेकिन बुधवार को ‘सिम्प्लिसिटी’ नामके जिस कंप्यूटर का उद्घाटन हुआ वो खासतौर से बड़ी उम्र के उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो कंप्यूटर और इंटरनेट की दुनिया से अछूते रह गए हैं।
सिम्प्लिसिटी कंप्यूटर्स कंपनी का कहना है कि कंप्यूटर टेक्नोलॉजी की जटिलता ही इन लोगों को इससे दूर रखती है। इस नए कंप्यूटर में केवल 6 बटन हैं, जो उन्हे ई-मेल और चैट जैसे साधारण काम करने के निर्देश देते हैं और कंप्यूटर इस्तेमाल करने का तरीका समझाने के लिए इसमें 17 वीडियो पाठ हैं।ब्रिटेन के सरकारी आँकड़े कहते हैं कि यहाँ 65 से अधिक उम्र वाले 60 लाख लोगों ने कभी इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं किया है।जब इस कंप्यूटर को शुरू किया जाता है तो एक वीडियो चालू हो जाता है, जो कंप्यूटर की आधारभूत बातें बताता है। उसके बाद पर्दे पर ई-मेल, चैट या इंटरनेट देखने के कुछ विकल्प सामने आते हैं।इसमें विंडोज या मैक ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि ये निशुल्क लाइनेक्स सॉफ्टवेयर पर चलता है। ये सिस्टम इटली में बड़ी उम्र के लोगों के लिए इस्तेमाल किए गए सिस्टम पर आधारित है।इसका मूल्य 450 से 750 अमेरिकी डॉलर के बीच है।सामाजिक फायदे : ये कंप्यूटर ऑर्डर पर बनाया जाता है और इसे बनाने और उपभोक्ता तक पहुँचाने में दो सप्ताह का समय लगता है। इस कंप्यूटर को ‘सिम्प्लिसिटी कंप्यूटर्स’ ने ‘वेसेक्स कम्प्यूटर्स’ नाम की कम्पनी और बड़ी उम्र के लोगों के लिए चलाई जा रही वेब साइट ‘डिस्काउंट एज’ के सहयोग से बनाया है।‘डिस्काउंट एज’ वेबसाइट की सिंगलटन ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, 'मेरे ख्याल से लोग कंप्यूटरों को समझते नहीं। मैं लंबे समय से कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रही हूँ, लेकिन मैं भी इसकी हर बात नहीं समझती। जब भी मैं कोई नई चीज सीखती हूँ तो मुझे उसे लिखना पड़ता है, जिससे मुझे वो याद रहे।'सिम्प्लिसिटी कंप्यूटर में कोई लॉग इन स्क्रीन नहीं है और न ही ड्रॉप डाउन मेन्यू है। वह सीधा पहले पन्ने पर ही खुलता है, जिसे ‘स्क्वेयर वन’ कहा जाता है। इसी पर ई-मेल, इंटरनेट, चैट, फाइल आदि के अलग-अलग बटन हैं। इस कंप्यूटर का इस्तेमाल करने का अभ्यास हो जाने के बाद उपभोक्ता उसकी जगह एक मानक डेस्कटॉप ले सकते हैं।कल्याणकारी संस्था 'एज कंसर्न' और 'हेल्प द एजेड' के सार्वजनिक नीति प्रमुख एन्ड्रू हैरप ने इस प्रयास की प्रशंसा की है। उनका कहना है, 'जो पेंशन भोगी ऑनलाइन नहीं हैं वो खरीदारी करने में सैकड़ों पाउंड की बचत से महरूम हो जाते हैं। वो सबसे अधिक सूद वाले बैंक खातों के बारे में नहीं जान पाते और दूसरों से संपर्क में न रह पाने के कारण सामाजिक लाभ नहीं उठा पाते।'आशा है कि सिम्प्लिसिटी कंप्यूटर के जरिए बड़ी उम्र के लोग डिजिटल युग में पहला कदम रख सकेंगे।