sawan somwar

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

एक जैसा ही है तीन माँओं का दर्द

Advertiesment
हमें फॉलो करें अफगानिस्तान
, शुक्रवार, 29 जनवरी 2010 (14:31 IST)
BBC
अफगानिस्तान पिछले तीन दशक से युद्ध और गृहयुद्ध का समाना कर रहा है। इस दौरान कई माँओं ने अपने बेटों को खोया है। ब्रिटेन और अफगानिस्तान की ऐसी तीन माँओं ने अपने बेटों से जुड़ी स्मृतियाँ और उनके न होने का दुख-दर्द साझा किया बीबीसी से।

अफगानिस्तान की दो माँओं ने अपनी पहचान न बताने की अपील की है।

जूडी गेडेन, ब्रितानी सैनिक टॉम गेडेन की माँ। टॉम बचपन से ही सैनिक बनने के बारे में सोचा करता था। वह 16 साल की उम्र में सेना में शामिल हो गया था। पिछले ही साल वह 'कार्पोरेल' बना था और जनवरी 2009 में अफगानिस्तान भेज दिया गया था।

उसकी यूनिट का काम अफगानिस्तान की सेना को प्रशिक्षण देना था। वह उन्हें यह सिखाता था कि गाड़ियों की तलाशी कैसे लें और किसी की जाँच कैसे करें।

अफगानिस्तान के सैनिक उसे बहुत प्यार करते थे वह भी उन्हें बहुत प्यार करता था। हमारे पास उसके कुछ फोटोग्राफ हैं, जिनमें वह कुछ अफगान लोगों के साथ है।

अफगानिस्तान के सैनिकों को वह यह पता चला कि टॉम की धमाके में मौत हो गई है तो उन्हें ब्रिटिश सैनिकों जितना ही दुख पहुँचा। टॉम अपने पीछे अमांडा नाम की मंगेतर को छोड़ गया है। दोनों पिछले साल शादी करना चाहते थे, लेकिन उसकी गर्मी की छुट्टियों में हुई कटौती से वे ऐसा नहीं कर पाए।

दोनों के दो बच्चे हैं। उनमें से एक को उसने नहीं देखा था क्योंकि उसकी पैदाइश टॉम की मौत के बाद हुई। अब मैंने दोनों बच्चों और अमांडा की देखभाल के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है क्योंकि टॉम अब इस दुनिया में नहीं है।

अफगान सैनिकों की उन माँओं का दुख मैं समझ सकती हूँ जिन्होंने अपने बेटों को खो दिया है क्योंकि मुझे पता है कि मैंने क्या खोया है।

मुझे टॉम पर गर्व है क्योंकि वह नैतिकता और सिद्धांतों पर हमेशा खड़ा रहने वाला नौजवान था। उसका मानना था कि वह अफगानिस्तान के लोगों के जीवन में सुधार लाने के लिए लड़ रहा है।

मुझे तालिबान सैनिकों की माँओं के लिए बहुत खेद है क्योंकि मुझे लगता है कि उन्हें यह बताना काफी कठिन है कि उनके बेटे को एक ऐसे कारण के लिए भर्ती किया गया जहाँ सोचने का केवल एक ही तरीका है।

इन युवाओं पर एक ऐसी लड़ाई लड़ने के लिए दबाव डाला गया जिसकी सही-सही व्याख्या उनके सामने नहीं की गई।

अफगानिस्तान की सेना के एक सैनिक की माँ :
मेरा बेटा एक सैनिक था। कई बार मैंने उससे यह नौकरी छोड़ने के लिए कहा था। मैंने उससे कहा था कि तालेबान उसकी हत्या कर सकते हैं। हर सुबह जब मैं घर छोड़ती थी तो मैं उसके लिए प्रार्थना करती थी कि अल्लाह उसकी हिफाजत करे।

मेरे पति की मौत हो गई थी। इसलिए पैसे कमाने और परिवार के पालन-पोषण के लिए मेरे बेटे को सैनिक की नौकरी करनी पड़ी। लेकिन एक दिन उसकी हत्या कर दी गई और उसका शरीर मेरे पास लाया गया।

अफगानिस्तान में अपने बेटे को खो देने वाली ब्रितानी माँ से मेरा कहना है कि बहन मेरी संवेदनाएँ तुम्हारे साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि तुम मेरा दर्द समझोगी जैसे मैं तुम्हारे दर्द को समझ रही हूँ।

हम माँ हैं, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम किसी तालिबान सैनिक की माँ हैं या अफगान सैनिक की माँ या ब्रितानी सैनिक की माँ। हमें अपने बेटों को यह सिखाना चाहिए कि लड़ाई से हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं। हमें शांति और भाईचारे के साथ एक दूसरे से बातचीत करने के बारे में सीखना चाहिए।

युद्ध और लड़ाई को छोड़ें। यह मेरे बच्चे और तुम्हारे बच्चे को हमसे दूर ले गया है। मैं तो यह भी कहती हूँ कि तालिबान लड़ाके भी हमारे बच्चे हैं।

मेरा बेटे को हताशा में युद्ध में जाने के लिए मजबूर किया गया। वह तो सबके लिए जीविका कमाना चाहता था। मेरी प्रार्थना है कि अब और बम धमाके न हों और न किसी हत्या हो क्योंकि हम युवाओं को दफनाते-दफनाते थक गए हैं।

एक तालिबान लड़ाके की माँ :
मेरा बेटा 35 साल का था और तालिबान में शामिल होना चाहता था, लेकिन कई बार मैंने उससे कहा कि वह ऐसा न करे। लेकिन उसने कहा कि इसमें बहुत पैसा है, हमारे पास जितना पैसा है उससे हम जिंदा नहीं रह सकते हैं।

उसका अपनी पत्नी, बच्चों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ व्यवहार बहुत ही अच्छा था, लेकिन अब उसकी विधवा और बच्चों की देखभाल मुझे करनी है।

मैंने उससे कई बार कहा कि वह लड़ाई में न जाए। मैंने उससे कई बार पूछा भी था कि तालिबान लड़ाकों और अफगान सैनिकों में क्या अंतर है। मैंने उससे कहा था कि दोनों भाई-भाई है और उन्हें एक साथ बैठकर बात करनी चाहिए।

एक तालिबान लड़ाके की माँ होने के कारण मैं अपने बच्चों और तालिबान और अफगान सैनिकों से अपील कर रही हूँ कि खुदा के लिए ये लड़ाई बंद करो। एक साथ बैठकर शांति का रास्ता तलाश करो और हमारे खूबसूरत कंधार और हमारे देश अफगानिस्तान को बर्बाद करना बंद करो।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi