कैसे करें तय कि कौन है सबसे सुंदर
सुंदर लंबे पाँव, सुनहरे बाल, ऊँचा कद और सुडौल शरीर। सौंदर्य के ये सभी पैमाने जब एक जगह ही मौजूद हों तो कोई क्यूँ न इतराएँ। फर्क सिर्फ ये है कि अपनी सुंदरता की नुमाइश करनेवाले ये चार पैरों वाले ऊँट हैं।हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में क़रीब 28,000 ऊँट इकट्ठा हुए। वो शामिल हुए एक ऐसी सौंदर्य प्रतियोगिता में जो शायद ऊँटों की अबतक की सबसे बड़ी सौंदर्य प्रतियोगिता कही जा सकती है।आम तौर पर संयुक्त अरब अमीरात के इस हिस्से में दूर दूर तक सिर्फ बालू ही होती हैं, लेकिन यहाँ अल-धाफरा उत्सव में ऊँटों की सौंदर्य प्रतियोगिता की वजह से रौनक बढ़ गई। यहाँ कतर, सउदी अरब और बहरीन जैसे दूर दराज के देशों से भी ऊँटों के मालिक उनके पूरे समूह को लेकर प्रतियोगिता में शामिल होने पहुँचे।ऊँटों के लिए तैयार किए गए खास बाड़ों में काफी हलचल थी। और दर्शक दीर्घा में खाड़ी के देशों से जमा हुए लोग इस मनभावन दृश्य का पूरा मजा ले रहे थे।सौंदर्य प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे ऊँटों में से सबसे बेहतर की तलाश में जजों की टोली एक बाड़े से दूसरे बाड़े जाकर ये तय करने की कोशिश में लगी थी कि कहीं उनके फैसले में कोई कसर ना रह जाए।कौन है सबसे सुंदर : इन जजों के प्रमुख मोहम्मद अब्दुल्लाह अल-मेहाइरी ने बीबीसी को बताया कि ऊँटों का सर सबसे महत्त्वपूर्ण भाग होता है और हम सबसे पहले इसी को देखते हैं।उन्होंने कहा, 'हम ऐसे ऊँटों की तलाश में होते हैं जिनके सर बड़े, कान कड़े, चौड़े जबड़े और बड़ी मूँछें हों। उनकी गर्दन लंबी होनी चाहिए और लंबा कद भी अच्छा माना जाता है। उनकी पीठ और कूबड़ बड़े हों तो और भी अच्छा माना जाता है। हम उनके रंग और उनके खड़े होने की मुद्रा को भी देखते हैं। यानि कोई एक ऐसी चीज नहीं होती जो ये तय करे कि सबसे सुंदर ऊँट कौन है।'दस दिनों तक चले ऊँटों के इस उत्सव में अलग-अलग उम्र के ऊँटों के लिए अनेक किस्मों की प्रतियोगिताएँ आयोजित की गयी थी और इन ऊँटों ने इनमें कुल एक करोड़ डॉलर की राशि जीती।अल-मेहाइरी ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में सबसे महत्त्वपूर्ण दौर होता है अल-बईराक का जिसमें ऊँटों के मालिक अपने सबसे बेहतर पचास ऊँटों कि परेड कराते हैं। अल-मेहाइरी का कहना था कि इस प्रतियोगिता में ज्यादातर ऊँटनियाँ ही शामिल होती हैं क्यूँकि वो ज्यादा सुंदर होती हैं।हमाद राशेद अल-मारी भी इस प्रतियोगिता में अपने ऊँटों के साथ शामिल हुए। वो अपने परिवार के करीब पचास लोगों के साथ आए और उन्हें सऊदी अरब से संयुक्त अरब अमिरात पैदल पहुँचने में लगभग एक महीना लग गया।अल-मारी का कहना था कि प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए वो ऊँटों को क़रीब एक हफ्ता पहले से तैयार करना शुरू कर देते हैं।अल-मारी ने बताया कि हर व्यक्ति के पास अपने ऊँटों को सुंदर बनाने का अपना नुस्खा होता है। हम ऊँटों को ढँककर रखते हैं नहीं तो उनकी खाल लंबे समय तक धूप में खुली रहने से बदरंग हो जाती है। अल-मारी का ये भी कहना था कि वो अपने ऊँटों को घास और मक्के के मिश्रण के साथ साथ दूध और पानी भी देते हैं।हमाद राशेद अल-मारी के लिए ये उत्सव सफल रहा क्यूँकि इस सौंदर्य प्रतियोगिता में उनके चार ऊँटों को खिताब मिला और पुरस्कार स्वरुप हर ऊँट को मिली चार कारें। यानि अल-मारी को पुरस्कार में कुल 16 कारें मिलीं।इस प्रतियोगिता के दौरान ऊँटों की खरीद बिक्री भी होती है। हालाँकि एक सामान्य ऊँट करीब 7,000 डॉलर में बिक जाते हैं, लेकिन बाकियों की कीमत और भी ऊँची होती है। ऊँटों के एक व्यापारी खलाफ सारी अल-मजरुई ने बताया कि उन्होंने अपना एक ऊँट 27 लाख डॉलर में बेचा।परिवार की इज्जत : लेकिन ये उत्सव सिर्फ पैसे के लिए ही नहीं होता। ये परिवार की शान और इज्जत का भी प्रतीक है।इस उत्सव में शामिल होने के लिए इस क्षेत्र की काफी जानी मानी हस्तियाँ आती हैं और प्रतियोगिता में राष्ट्र और परिवारों की इज्जत दाँव पर होती है इसीलिए हर व्यक्ति चाहता है कि वो इस प्रतियोगिता में पहले नंबर पर आए।